Tamil Nadu: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में सोमवार 27 अक्टूबर को भगवान मुरुगन के छह प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इन्हें ‘अरुपदाई वीदु’ के नाम से जाना जाता है। मौका था कंडा षष्ठी उत्सव के अंतिम दिन, सूर्यसंहारम का। पूरे तमिलनाडु में मनाए जाने वाले त्योहार में भक्त उपवास रखते हैं और खास पूजा-अनुष्ठान करके भगवान मुरुगन से आशीर्वाद की याचना करते हैं। मदुरै के थिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मंदिर में जुलूस, पूजा और कावड़ी ढोने की रस्म में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। ये रस्म भगवान मुरुगन की पूजा की खासियत हैं। Tamil Nadu
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मुरुगन को स्कंद या सुब्रमण्य के नाम से भी जाना जाता है। वे तमिलनाडु में युद्ध और विजय के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा तूतुकुडी में भी देखने को मिला। हजारों श्रद्धालुओं ने तिरुचेंदूर के मनोरम समुद्र तट पर श्री सुब्रह्मण्य स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान मुरुगन ने इसी जगह ताकतवर राक्षस सूरापदमन का वध किया था। ‘अरुपदाई वीडू’ कंडा षष्ठी भगवान मुरुगन के जीवन की छह प्रमुख घटनाओं का प्रतीक है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनकी पूजा करते हैं। ये त्योहार भगवान मुरुगन में श्रद्धालुओं की गहरी आस्था और तमिलनाडु में इसके सांस्कृतिक महत्व को सामने लाता है।
