Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार ने उच्च स्तरीय समिति बनाई है। इस समिति की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव करेंगे। समिति हादसे के कारणों की जांच करेगी और ये भी देखेगी कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। साथ ही इसके लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं। समिति इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी और जरूरी दिशा-निर्देश भी सुझाएगी।
Read Also: सैकड़ों घरों में मातम, लोग नहीं भुला पा रहे हैं अपनों से जुड़ी यादें
बता दें, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि ये समिति उन अन्य जांचों का विकल्प नहीं होगी जो संबंधित एजेंसियों द्वारा पहले से की जा रही हैं। मंत्रालय ने कहा है कि ये समिति ऐसे हादसों को रोकने और भविष्य में उनसे निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं यानी एसओपी तैयार करने पर ध्यान देगी। समिति अपनी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर पेश करेगी। 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद लंदन गैटविक जा रहा बोइंग 787-8 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई, साथ ही जब विमान एक मेडिकल कॉलेज परिसर पर गिरा तो वहां पर मौजूद कई अन्य लोग भी इसकी चपेट में आ गए। विमान हादसे की जांच पहले से ही विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो द्वारा की जा रही है। 13 जून को जारी आदेश के अनुसार, इस नई उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन करेंगे। समिति में नागरिक उड्डयन सचिव और गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव भी सदस्य के रूप में शामिल हैं। इस समिति में कई प्रमुख विभागों और एजेंसियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इसमें गुजरात गृह विभाग, गुजरात आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त, भारतीय वायुसेना के निरीक्षण और सुरक्षा महानिदेशक, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के महानिदेशक शामिल हैं। ये समिति व्यापक रूप से हादसे की जांच और भविष्य में ऐसे हादसों की रोकथाम के लिए ठोस उपायों पर काम करेगी। समिति में अन्य सदस्यों के रूप में इंटेलिजेंस ब्यूरो के विशेष निदेशक और फॉरेंसिक साइंस सेवा निदेशालय के निदेशक को भी शामिल किया गया है।
आदेश के अनुसार, जरूरत पड़ने पर समिति में अन्य विशेषज्ञों को भी शामिल किया जा सकता है, जिनमें विमानन विशेषज्ञ, दुर्घटना जांचकर्ता और कानूनी सलाहकार शामिल हो सकते हैं। समिति इस विमान हादसे के पीछे की मूल वजह का पता लगाएगी और उन सभी कारणों का मूल्यांकन करेगी जो हादसे की वजह हो सकते हैं। इनमें तकनीकी खराबी, मानवीय भूल, मौसम की स्थिति, नियमों का पालन न होना और अन्य संभावित कारण शामिल हैं।
इसके अलावा, समिति ये भी सुझाव देगी कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों इसके लिए कौन-कौन से सुधार जरूरी हैं। समिति उपयुक्त मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार करेगी, जिनमें ऐसे हादसों से बचाव और उनके प्रबंधन से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रक्रियाएं भी शामिल होंगी। समिति अलग-अलग विभागों और एजेंसियों की आपातकालीन प्रतिक्रिया की भी समीक्षा करेगी, जिसमें राहत और बचाव कार्यों के साथ-साथ समन्वय की प्रक्रिया भी शामिल होगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि समिति मौजूदा दिशानिर्देशों की जांच करेगी जो इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए बनाए गए हैं, साथ ही देश में पहले हुए ऐसे विमान हादसों के रिकॉर्ड भी खंगालेगी।
Read Also: आईएमईईसी का वैश्विक संपर्क पर गहरा प्रभाव पड़ेगा- एस.जयशंकर
अन्य कार्यों के तहत समिति एक व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करेगी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की सभी एजेंसियों और संस्थाओं की जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जाएगा, ताकि किसी हादसे के बाद बेहतर ढंग से प्रबंधन और कार्रवाई की जा सके। मंत्रालय ने ये भी कहा कि समिति नीतिगत बदलाव, संचालन में सुधार और ट्रेनिंग से जुड़े पहलुओं पर भी सुझाव देगी, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और अगर कोई हादसा हो, तो उससे प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। आदेश के अनुसार, समिति को सभी जरूरी रिकॉर्ड तक पहुंच दी जाएगी, जिसमें फ्लाइट डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान के मेंटेनेंस रिकॉर्ड, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, लॉग और चश्मदीदों के बयान शामिल हैं। अगर हादसे में विदेशी नागरिक या विमान निर्माता शामिल होते हैं, तो समिति अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी समन्वय करेगी।