अमन पांडेय : रामचरितमानस की चौपाई पर विवादित बयान देकर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य घिर गए हैं। साधु संतो से लेकर हिंदू संगठनों,भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। विवादित बयान को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल भी उठ रहे हैं।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब विवाद बढ़ने के बाद एक्टिव मोड में आते नजर आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने रामचरितमानस विवाद के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य को तलब किया है। स्वामी प्रसाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने अपना पक्ष रखने के लिए यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित सपा कार्यलय पहुंचे हुए हैं। सपा कार्यलय में अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य की मुलाकात चल रही है। जानकारी के मुताबिक रामचरितमानस को लेकर बयान और उसके बाद भी लगातार बयानबाजी से अखिलेश यादव ने उन्हें तलब किया है। बताया जा रहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर बयान और उसके बाद भी लगातार बयानबाजी से अखिलेश यादव नाराज हैं।
सपा ने स्वामी प्रसाद के बयान से किनारा कर लिया था शिवपाल यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से किनारा करते हुए कहा था कि सपा राम कृष्ण के आदर्शो पर चलने वाली पार्टी है। हालांकि पूरे विवाद पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुप्पी साधे रखी जिसे लेकर लगातार सवाल भी उठ रहे थे।
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स्वामी प्रसाद मैर्य ने अखिलेश के मौन को सहमति बता दिया था। स्वामी प्रसाद के इस बयान को अखिलेश यादव की उनसे नाराजगी की वजहों में से एक माना जा रहा है। अखिल भारत हिंदू महासभा और संत महासभा के प्रमुख स्वामी चक्रपणि ने अखिलेश यादव की ओर से स्वमी प्रसाद मौर्य को तलब किए जाने से कुछ ही समय पहले सवाल उठाए थे।स्वामी चक्रपणि ने भी अखिलेश की चुप्पी और स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा की ओर से कोई कार्यवाई नहीं किए जाने को सहमति करार दिया था। उन्होंने कहा था कि सपा को यूपी की जनता माफ नहीं करेगी। अब विवाद तूल पकड़ा तो उंगली सीधे अखिलेश यादव की ओर उठने लगी तब सपा एक्सन में आई और स्वामी प्रसाद को तलब किया।