Amarnath Yatra 2025: जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ में बूढ़ा अमरनाथ तीर्थयात्रा सोमवार यानी की आज 28 जुलाई को शुरू हो गई। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जम्मू से 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बूढ़ा अमरनाथ यात्रा की शुरुआत
मनोज सिन्हा ने आशा व्यक्त की कि बड़ी संख्या में तीर्थयात्री भगवान शिव के दर्शन करने के लिए पुंछ स्थित बूढ़ा अमरनाथ मंदिर जाएंगे। आज सुबह उप-राज्यपाल सिन्हा ने बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूजा-पाठ किया और “बम बम भोले” के जयकारों के बीच 1,000 से ज्यादा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को भगवती नगर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पुंछ जिले में स्थित बूढ़ा अमरनाथ मंदिर के लिए ये यात्रा विश्व हिंदू परिषद ने 2005 में शुरू की थी। 12 दिवसीय ये तीर्थयात्रा सात अगस्त को खत्म होगा।
बेहतरीन व्यवस्थाएं
तीर्थयात्रा को हरी झंडी दिखाने के तुरंत बाद मनोज सिन्हा ने मीडिया से कहा कि जैसा कि आपने देखा, आज यहां से 1,000 से ज़्यादा तीर्थयात्री बूढ़ा अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए। देश के अलग-अलग कोनों से तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं और इस पवित्र यात्रा में भाग ले रहे हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। उनकी सुरक्षा के लिए सभी उपाय किए गए हैं। बूढ़ा अमरनाथ यात्रा के लिए सुविधाओं में सुधार किया गया है।
उप-राज्यपाल की शुभकामनाएं
उप-राज्यपाल ने सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से संतुष्टिदायक यात्रा की शुभकामनाएं दीं। मनोज सिन्हा ने बाबा अमरनाथ और बूढ़ा अमरनाथ यात्री न्यास, पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन, अन्य हितधारकों और लंगर सेवा प्रदान करने वाले संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना भी की। उन्होंने आगे कहा कि वार्षिक तीर्थयात्रा और बूढ़ा अमरनाथ जी मेले के लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 3.77 लाख से अधिक श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पूरी कर चुके हैं। Amarnath Yatra 2025:
बूढ़ा अमरनाथ मंदिर की महत्ता
मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि देश भर से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बूढ़ा अमरनाथ आएंगे और भगवान शिव से अपनी राष्ट्र और जम्मू-कश्मीर की समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे। पुंछ की मंडी तहसील के राजपुरा गांव में स्थित भगवान शिव को समर्पित बूढ़ा अमरनाथ मंदिर, जम्मू क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
इस यात्रा के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। तीर्थयात्रा का समापन दशनामी अखाड़ा, पुंछ से छड़ी मुबारक (पवित्र गदा) के मंदिर में आगमन के साथ होता है। सात अगस्त को समाप्त होने वाली इस वार्षिक यात्रा के लिए जम्मू, पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। Amarnath Yatra 2025:
सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा से पहले सुरक्षा बलों और पुलिस ने यात्रा मार्ग और राजौरी, पुंछ और जम्मू जिलों के भीतरी इलाकों में तलाशी अभियान चलाया और उच्च स्तर की सतर्कता बरती। अधिकारियों ने बताया कि शांतिपूर्ण और घटना-मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए मंडी स्थित मंदिर के अंदर और आसपास सीसीटीवी कैमरे लगा गए हैं। प्रशासन तीर्थयात्रियों के ठहरने और खाने-पीने की निगरानी भी कर रहा है।