(प्रदीप कुमार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और अन्य राज्य मंत्री मौजूद रहे रहे। पीएम मोदी ने यहां स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया गया। आदिवासी कलाकारों ने अपने नृत्य और प्रदर्शन से सबका मन मोह लिया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिपुरा की परंपरागत पगड़ी पहनाई गई साथ ही लद्दाख की पशमीना शॉल से प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया।त्रिपुरा में चुनाव के बीच पगड़ी पहन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी कल्याण के लिए सरकार के कामकाज भरपूर गिनाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदि महोत्सव’ विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है। जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था अब सरकार उसके द्वार जा रही है, उसको मुख्यधारा में ला रही है।आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार में ‘वंचितों को वरीयता’ के मंत्र को लेकर, देश विकास के नए आयाम को छू रहा है।
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पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश की विरासत और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज वैश्विक मंचों से भारत आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है। पीएम मोदी ने कहा कि अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई का विकल्प भी खोल दिया गया है। अब हमारे आदिवासी बच्चे,आदिवासी युवा अपनी भाषा में पढ़ सकेंगे, आगे बढ़ सकेंगे।
आदि महोत्सव’ का आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है। कार्यक्रम में 200 स्टॉल के माध्यम से देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जा रहा है। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं।