पानीपत- जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए हरियाणा के लाल मेजर आशीष धोंचक का शुक्रवार को पानीपत स्थित उनके पैतृक गांव बिंझौल में नम आखों के बीच सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पानीपत के अलावा हरियाणा के अलग-अलग क्षेत्र के लोग भी उनको अंतिम विदाई देने पहुंचे और इस दौरान मेजर आशीष अमर रहें और भारत माता की जय के नारे भी लगे।
भारत माता का वीर सपूत शहीद मेजर आशीष शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गया है। उनके जाने से हर आँख आज नम दिखी, शहीद मेजर आशीष को अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोगों का हुजूम उमड़ा। पानीपत के पैतृक गांव बिंझौल में उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके चचेरे भाई मेजर विकास ने उन्हें मुखाग्नि दी है। इस दौरान उनकी उनकी बहन और ढाई साल की बेटी भी श्मशान घाट तक विदाई देने गईं। इससे पहले सिख रेजीमेंट के जवानों ने उनको गन सैल्यूट देकर अंतिम विदाई दी। शहीद मेजर आशीष को अंतिम विदाई देने के लिए उनके सभी परिजन गर्व के साथ अपने बेटे, भाई को अंतिम सलाम कर रहे थे।
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मेजर आशीष के गांव बिंझौल में ग्रामीणों की छाती-चौड़ी है। उन्होंने अपने छोरे पर नाज करते हुए कहा कि हमें अपने लाल पर गर्व है, सरकार एक और एयर स्ट्राइक करे ऐसी मांग भी की है। उन्होंने कहा मेजर आशीष के परिवार में कई लोगों ने सेना में सेवाएं दी हैं।
गौरतलब है, मेजर आशीष धोंचक के परिवार में उनकी तीन बहनें, माता-पिता, पत्नी और ढाई साल की बेटी है, जिन पर आज दुखों का पहाड़ टूटा है लेकिन देश की सेवा करते हुए मेजर के शहीद होने पर खुद को गर्वित भी महसूस कर रहे हैं। देश की सेवा के लिए जहां मेजर आशीष ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी, वहीं परिजनों ने अपने चहेते को खोया है। कुछ महीने पहले ही वे घर आए थे और अक्टूबर में वे दोबारा घर आने वाले थे। घाटी के अनंतनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बीते बुधवार को बटालियन के कमांडिंग सेना के एक कर्नल, यूनिट के एक मेजर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए थे।