Kota Suicide: साल 2023 को खत्म होने में अभी तीन महीने से ज्यादा का समय बचा है और इस वर्ष कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 23 हो चुकी है। ये किसी एक साल में होने वाले सुसाइड की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है,जिसने माता-पिता, टीचरों, हॉस्टल मालिकों और अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है।
हॉस्टल संघों ने वार्डन और दूसरे स्टाफ को पेशेवर प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया है। ताकि वो छात्र-छात्राओं के उन मुद्दों को समझ सकें और समाधान कर सकें जो उन्हें ऐसा कदम उठाने को मजबूर करती है।कोचिंग हब में 3500 से अधिक हॉस्टल का संचालन करने वाले कोटा के तीन हॉस्टल संघों ने वार्डन और कर्मचारियों के लिए ‘हॉस्टल मैनेजमेंट’ का कोर्स डिजाइन करने के लिए कोटा के जय मिनेश जनजातीय विश्वविद्यालय के साथ समझौता किया है।
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हमने इनके साथ एक एमओयू साइन किया। उसके अंदर हमारी ये बातचीत हुई थी कि जब भी जो स्टाफ हमारे हॉस्टल में रहता है उसे हम कोर्स करवाएंगे। छह महीने का कोर्स है ये। आज हमारी बैठक हुई है इसके बारे में। इसमें हमारी चर्चा निकल कर आई है कि फॉर्म हम लोगों ने उनसे लिया है उस फॉर्म हमसे जुड़े हुए जो हॉस्टल है उनके कर्मचारियों को हम देंगे । सर्वे कराएंगे हम लोग कि क्या-क्या कोर्स करने में इच्छुक है वो उसको फॉर्म को वापस तीन तीन बार जमा करेंगे। एक ऑकड़ा हमारे पास आएगा उसके बाद फिर से मीटिंग रखी जाएगी।
छह महीने के कोर्स में कर्मचारियों को पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें मेस प्रबंधन, मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक परामर्श, स्टूडेंट वेलफेयर और उनके माता-पिता से स्वस्थ बातचीत को बढ़ावा देना शामिल होंगा। इस कोर्स की फीस 8,000 रुपये होगी। हॉस्टल मालिकों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वो अपने कर्मचारियों के लिए ये खर्च उठाएं।एमओयू का उद्देश्य ये है कि काफी संख्या में इनके पास कर्मचारी है। दूसरा हमने इनकी चर्चा के बाद पहचाना की उनके पास में अनुभव है लेकिन प्रोफेशनिलिज्म नहीं है। इन सबको देखते हुए लगभग साढे तीन हजार हॉस्टल हैं जिसमें दो लाख बच्चे निवास कर रहे है। उन्हें ट्रेंड करना जरूरी है ताकि बच्चों के साथ वो अच्छे से बात कर सकें।
कोटा पुलिस हॉस्टल या पीजी में रहने वाले छात्र-छात्राओं में अवसाद या तनाव के लक्षण की पहचान करने के लिए वार्डन, मेस कर्मियों और टिफिन सेवा प्रदान करने वालों की भी मदद ले रही है।वहीं वार्डनों को छात्रों से जुड़ने के लिए ‘दरवाज़े पर दस्तक’ या ‘नॉक ऑन द डोर’ अभियान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोटा पुलिस ने मेस कर्मियों और टिफिन सेवा प्रदान करने वालों से आग्रह किया है कि यदि कोई छात्र बार-बार मेस से अनुपस्थित रहे या भोजन छोड़ रहा है तो इसकी सूचना दें।हॉस्टल के वार्डन से हम बार बार बात कहते है कि बच्चों पर नजर रखे कि बच्चा सोशल मीडिया पर ज्यादा लगा हुआ है, बच्चा फोन पर लगातार बात करता है, उसमें कोई और बदलाव तो नहीं है, माता-पिता से बच्चा बात करता है या नहीं। इन चीजों पर अगर कोई ध्यान रख सकता है वो वॉर्डन ही रख सकता है।मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं नीट और जेईई की तैयारी के लिए हर साल ढाई लाख से अधिक छात्र कोटा आते हैं। आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या से चिंतित होकर, कोटा के अधिकारियों, हॉस्टल मालिकों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स ने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाये हैं।