(प्रदीप कुमार)- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में आज दिल्ली में असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच वर्षों से लंबित सीमा विवाद के निपटारे के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के शांत और समृद्ध पूर्वोत्तर के विजन को साकार करने की दिशा में आज केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में नई दिल्ली में असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच वर्षों से लंबित अंतरराज्यीय सीमा विवाद के निपटारे के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। नॉर्थईस्ट में पूरी तरह शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के एक और अहम कदम के तहत इस महत्वपूर्ण समझौते पर असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, केन्द्रीय गृह सचिव और केन्द्र और दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस मौके पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज हम सब उत्तरपूर्व और भारत के एक ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने हैं जब असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच दशकों से चला आ रहा सीमा विवाद पूरी तरह से समाप्त हो गया है। गृहमंत्री ने कहा कि इस विवाद पर लोकल कमीशन की रिपोर्ट दशकों तक इधर-उधर घूमती रही जिसे आज दोनों राज्यों ने स्वीकार कर लिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज हुए ये समझौता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित, शांत और विवादरहित नॉर्थईस्ट के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 2018 से भारत सरकार ने पूर्वोत्तर में शांति की स्थापना और हिंसा खत्म करने के लिए ब्रू, एनएलएफटी(NLFT), कार्बी आंगलोंग, आदिवासी शांति समझौते किए हैं। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के परिणामस्वरूप पूरे पूर्वोत्तर में शांति की एक नई पहल शुरू हुई है और अब तक 8000 से अधिक हथियारबंद युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि 2014 की तुलना में उत्तरपूर्व में हिंसा की घटनाओं में 67 प्रतिशत, सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु की संख्या में 83 प्रतिशत की कमी आई है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के कई स्थानों से AFSPA को हटा लिया है। असम में 70 प्रतिशत, मणिपुर के 6 ज़िलों के 15 पुलिस स्टेशन, अरूणाचल में 3 ज़िले छोड़कर सभी ज़िले, नगालैंड में 7 ज़िले और त्रिपुरा व मेघालय पूर्णतया AFSPA से मुक्त हो चुके हैं।
Read also –गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में SCO सदस्य देशों के विभाग प्रमुखों की बैठक की अध्यक्षता की
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों से आज पूरे नॉर्थईस्ट में हर क्षेत्र में चौतरफा विकास होता दिख रहा है और ये पूरा क्षेत्र प्रगति के रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं 50 से अधिक बार इस क्षेत्र की यात्रा की है और हमेशा यहां की भाषा, संस्कृति, साहित्य, वेशभूषा, खान-पान को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में असम में बिहू उत्सव के दौरान गिनीज वुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले स्थानीय बिहू नृत्य का साक्षी बनकर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे विश्वप्रसिद्ध बनाने का काम किया। श्री शाह ने कहा कि जो काम आजादी के तुरंत बाद हो जाना चाहिए था, वो आज़ादी के 75वें साल में हो रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की ओऱ से दोनों राज्यों की जनता को बधाई देते हुए कहा कि कि आज हुआ ये समझौता दोनों राज्यों के लिए शुभांकर साबित होगा और विकास के नए द्वार खोलेगा।
Read also –गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में SCO सदस्य देशों के विभाग प्रमुखों की बैठक की अध्यक्षता की
गृहमंत्री अमित शाह ने काफी समय से लंबित इस सीमा विवाद को सुलझाने में असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने विवाद के निपटारे के लिए क्षेत्रीय समिति बनाई, आम लोगों से बात की और सभी को इस प्रयास में समाहित करने का काम किया है।
दोनों राज्यों के बीच अंतर्राज्यीय सीमा से सटे 123 गांवों से संबंधित इस विवाद की समाप्ति के लिए आज हुआ समझौता ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल, प्रशासनिक सुविधा, सीमा से निकटता और निवासियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। समझौते के तहत दोनों राज्य सरकारों में इस बात पर सहमति बन गई है कि 700 किलोमीटर से अधिक की दोनों राज्यों के बीच की सीमा के संबंध में यह समझौता पूर्ण और अंतिम होगा और दोनों पक्षों द्वारा भविष्य में किसी भी क्षेत्र या गांव से संबंधित कोई नया दावा पेश नहीं किया जाएगा। समझौते के बाद सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा दोनों राज्यों की सीमाओं के सटीक निर्धारण के लिए दोनों राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा।
मोदी सरकार के प्रयासों से आज असम और अरूणाचल प्रदेश के बीच हुआ ये अहम समझौता सहकारी संघवाद का एक सफल उदाहरण है और ये अन्य राज्यों के बीच सीमा विवादों के समाधान के लिए एक रोडमैप प्रदान करेगा
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter. Total Tv App

