गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में SCO सदस्‍य देशों के विभाग प्रमुखों की बैठक की अध्यक्षता की

(प्रदीप कुमार)-गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में SCO सदस्‍य देशों के विभाग प्रमुखों की बैठक की अध्यक्षता की।शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सदस्‍य देशों के विभाग प्रमुखों की बैठक मे अपने अध्यक्षीय संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत बहु-आयामी राजनीति, सुरक्षा और आर्थिक विषय संबंधी विषयों पर परस्‍पर बातचीत को बढ़ावा देने में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) को विशेष महत्त्व देता है। उन्होंने कहा कि भारत 2005 से शंघाई सहयोग संगठन के साथ आब्जर्वर देश के रूप में जुड़ा हुआ है और अहम भूमिका निभा रहा है। 2017 में हुई संगठन की 17वीं शिखर बैठक में इसके विस्तार की प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण चरण के तहत भारत, इस संगठन का पूर्ण सदस्य बना।
अमित शाह ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि 2017 में पूर्ण सदस्‍य बनने के बाद भारत पहली बार SCO राष्‍ट्राध्‍यक्ष परिषद की अध्‍यक्षता कर रहा है। उन्होंने कहा कि परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत की प्राथमिकता 2018 में SCO के क़िंगदाओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा व्यक्त सिक्योर (SECURE) थीम को आगे बढ़ाना है, जिसका अर्थ है, S – Security, E – Economic Cooperation, C – Connectivity, U – Unity, R – Respect For Sovereignty and Integrity और E – Environment Protection। श्री शाह ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन वर्तमान में शायद दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है और ये वैश्विक जनसंख्या के 40%, वैश्विक GDP के लगभग 25% तथा विश्व के कुल भू-भाग के 22% का प्रतिनिधित्त्व करता है। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन आज एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में विकसित हुआ है और इसने सभी सदस्य देशों के साथ सहयोग में सामंजस्‍य बैठाने के लिए एक उत्‍कृष्‍ट प्‍लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत डिजास्टर रिस्क रिडक्शन को विशेष महत्त्व देता है और SCO के सदस्य देशों के बीच अधिक सहयोग तथा आपसी विश्वास के लिए इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि कोई भी खतरा छोटा या बड़ा नहीं होता और भारत हर आपदा की स्थिति में आगे बढ़कर काम कर रहा है। श्री शाह ने कहा कि भारत के पास अब एक्यूरेट तथा टाइमली अर्ली वार्निंग सिस्टम्स मौजूद हैं और भारत ने जिस तरह लगभग सभी मौसम संबंधी आपदाओं, जैसे – सूखा, बाढ़, बिजली गिरना, हीट वेव, शीत लहर, चक्रवाती तूफान के अर्ली वानिंग सिस्टम्स में सुधार किया है, उससे देश के आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि अर्ली वार्निंग सिस्टम से न केवल हमें आपदा के बारे में पूर्व चेतावनी मिलती है बल्कि संभावित प्रभाव का भी पता चलता है। श्री शाह ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय इस बात का बहुत महत्व होता है कि प्रभावित स्थान पर सहायता कितनी तेजी से पहुंचाई गई है और सहायता पहुंचने में तेज़ी से सहायता टीम की तैयारी और ट्रेनिंग की कुशलता का पता चलता है।
अमित शाह ने कहा कि प्रत्येक जीवन, परिवार और आजीविका अमूल्य होते हैं और हमें आपदा से इनकी रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अर्ली वार्निंग सिस्टम्स के प्रति भारत का एप्रोच People-Centric है और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे पूर्वानुमान सिस्टम्स तथा वार्निंग सिस्टम्स न केवल वैज्ञानिक रूप से अत्‍याधुनिक हों, बल्कि चेतावनी इस प्रकार कम्युनिकेट हो कि वह आसानी से आम जनता की समझ में आये, उनके लिए उपयोगी और एक्शनेबल हो। श्री शाह ने कहा कि एक समय था, जब भारत में चक्रवाती तूफानों से जानमाल का काफी नुकसान होता था, लेकिन भारत ने ‘Community Empowerment’ को अपने प्रयासों का आधार बनाया, जिसके कारण हम चक्रवातों से होने वाली हानि को कम करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि चक्रवातों के कारण होने वाली मौतों को कम करने में भारत की इस उपलब्धि की पूरी दुनिया सराहना कर रही है।
अमित शाह ने कहा कि Indian National Centre For Ocean Information Services (INCOIS) द्वारा इंडियन ओशियन रिम देशों के लिए शुरू किया गया ‘सुनामी अर्ली वार्निंग सिस्टम’ न केवल भारत बल्कि अन्य लगभग दो दर्जन देशों को सेवा प्रदान कर रहा है। इसके साथ ही, भारत ने SAARC, BIMSTEC और SCO देशों के साथ संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यासों की मेजबानी भी की है। उन्होंने बताया कि भारत ने अपने National Disaster Response Force (NDRF) को आपदा प्रभावित देशों, विशेष रूप से वर्ष 2015 के भूकंप के पश्चात नेपाल, में तैनात किया है। NDRF को हाल ही में तुर्की में आए भूकंप के कुछ घंटों के भीतर ही सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन हेतु तैनात किया गया था। श्री शाह ने कहा कि भारतीय संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की सीख देती है और चाहे, तुर्की हो या सीरिया हो, ‘ऑपरेशन दोस्त’ में NDRF ने इन्हीं भारतीय संस्कारों को विश्व के सामने पुनः प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं और ऐसे में परिवार के किसी भी सदस्य पर अगर कोई संकट आता है, तो उसकी मदद के लिए आगे बढ़ना भारत अपना कर्तव्य समझता है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया जियोस्टेशनरी कम्युनिकेशन सैटेलाइट 2017 में लॉन्च किया गया था, जो Indian Sub-Continent देशों के बीच संचार, मौसम की भविष्यवाणी आदि को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कि विगत कुछ वर्षों में, SCO क्षेत्र को भारी आर्थिक नुकसान वाली भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है और दुनिया में कई जगहों पर जलवायु परिवर्तन के कारण आए सूखा, बाढ़, तूफान और समुद्र के जलस्तर में वृद्धि से भारी तबाही हुई है और यह वैश्विक विकास के प्रति एक गंभीर खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि हमें इस तरह से उत्पन्न खतरों को कम करने के लिए Innovative Strategies की जरूरत है जिससे अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित विश्व का निर्माण किया जा सके। श्री शाह ने कहा कि रिस्क रिडक्शन अब कोई स्थानीय मामला नहीं रह गया है और विश्व के एक हिस्से में किये गए एक्शन से विश्व के दूसरे हिस्सों की Risk Intensity पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में आपदाओं के बीच साफ तौर पर कोई सबंध ना होने के बावजूद भी आपदाओं के निवारण की चुनौतियाँ विश्वभर में एक समान हैं और इसीलिए, हमें एक-दूसरे से सीखने, नवाचार करने और आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि जब तक हम एक समूह के रूप में Sustainable Development Goals (SDGs) और SENDAI Framework Goals को प्राप्त नहीं करते, तब तक इन दोनों फ्रेमवर्क द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को ज़मीन पर उतारना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, भारत ने पहल करते हुए भूकंप और बाढ़ के प्रभावों का मिटीगेशन करने पर दो ‘नॉलेज शेयरिंग वर्कशॉप’ का आयोजन किया है और ये प्रसन्नता का विषय है कि सभी सदस्य देशों ने इन दोनों कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी की है।
अंत में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नई दिल्ली में हो रही इस बैठक से सदस्य देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत नए अवसरों का पता लगाने और उनका पूरा लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और वैश्विक मंच पर SCO की भूमिका बढ़ाने में अपने अनुभवों को साझा करने के लिए इच्‍छुक है।

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