भगवान राम के वनवास के समय की प्रतीक मानी जाने वाली पादुकाएं अयोध्या पहुंची हैं। इन्हें बाबा सत्यनाराण मौर्य चित्रकूट से उन्हीं रास्तों से होकर लेकर आए हैं जहां से भगवान राम वन-वन होकर गुजरे थे।बाबा सत्यनारायण का मानना है कि वे इन पादुकाओं को भगवान राम को सौंपेंगे जो उन्ही की अमानत हैं।मध्य प्रदेश के चित्रकूट से बाबा इन पादुकाओं को एक मिनी ट्रक में रखकर अयोध्या पहुंचे हैं। इन पादुकाओं के दर्शन करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी है।अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होना है। ऐसे में अयोध्या में इन दिनों हर तरफ रामधुन सुनाई दे रही है।
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बाबा सत्यनारायण मौर्य:चरणपादुका मूल रूप से चित्रकूट से यात्रा प्रारंभ हुई थी तो चित्रकूट से प्रयास किया है श्रंगवेरपुर प्रयागराज नंदीग्राम जहां जहां राम गए और राम रुके क्योंकि राम ने करीब 11 साल का समय तो चित्रकूट में व्यतीत किया था तो हमें लगा कि राम की धरोहर भरत जी के पास थी तो वो धरोहर वापस राम को अर्पित की जाए और इस बहाने देश में जागरण हो।”
(Source PTI)