Bhor Ki Chowki: नवरात्रि के दौरान सुबह की पहली किरण फूटने के साथ ही उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जगमगा उठता है। संगम नगरी की एक अनूठी परंपरा को देखने के लिए लोगों की भीड़ से सड़कें गुलज़ार हो जाती हैं। जल्द ही भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की मूर्तियों के साथ भव्य झांकियां नजर आने लगती हैं। पूरा शहर उत्सव के माहौल में डूब जाता है। Bhor Ki Chowki
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भोर की चौकी यानी भोर की झांकी आयोजित करने की यह परंपरा एक सदी से भी ज्यादा पुरानी मानी जाती है। प्रयागराज के लोग इस पर बहुत गर्व महसूस करते हैं। भोर की चौकी को श्रृंगार चौकी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि नौ दिनों के नवरात्रि उत्सव के दौरान हर दिन मूर्तियों को अलग-अलग अंदाज में सजाया जाता है। Bhor Ki Chowki
प्रयागराज की सबसे पुरानी रामलीला कमेटी में शुमार पत्थर चट्टी और पजावा कमेटी पूरी दिव्यता और भव्यता के साथ अपनी-अपनी चौकियां निकालती हैं। दोनों ही रामलीला कमेटियों का शानदार इतिहास रहा है। Bhor Ki Chowki
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नवरात्रि के दौरान चौकी निकालने की एक सदी से भी पुरानी परंपरा को देखने के लिए दूर-दूर से आए लोग पूरी रात इंतजार करते हैं और इसकी भव्य तस्वीरों को अपनी आंखों और मोबाइल कैमरों में संजोते हैं। Bhor Ki Chowki