(प्रियांशी श्रीवास्तव): जहां देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने पर जोर लगा रही है तो वहीं दिल्ली की जामा मस्जिद ने लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह फरमान मस्जिद प्रशासन की तरफ से जारी किया गया है। इस आदेश की एक प्लेट बाकायदा मस्जिद की दीवार पर भी चस्पा कर दी गई है। विश्व हिन्दू परिषद प्रवक्ता ने मस्जिद प्रशासन के इस निर्णय की आलोचना की है। वहीं मस्जिद प्रशासन ने अपने फैसले को सही ठहराया है। जामा मस्जिद के इस फैसले के बाद महिलाए काफी आक्रोशित हो गई है ।
इस फैसले की आलोचना जमकर की जा रही है। मुस्लिम समाज की ही सामाजिक कार्यकर्ता शहनाज अफजल ने इस फरमान का खुला विरोध करते हुए इसे गैर-संवैधानिक बताया है। उन्होंने इसे बराबरी के हक के खिलाफ बताया है। शहनाज़ के मुताबिक, इस फैसले को कतई कबूल नहीं किया जाएगा क्योंकि ऐसे फरमान देना लड़कियों के समानता के अधिकार का हनन होना है।
बता दें कि जामा मस्जिद ने कायदें और कानून का हवाला देते हुए फरमान जारी किया। जामा मस्जिद प्रशासन के सदस्य सबीउल्लाह ने कहा कि केवल अकेली लड़कियों को ही मस्जिद में घुसने पर रोक है। उन्होंने कहा कि कई लड़कियाँ ऐसी भी हैं जो आती तो अकेले हैं, लेकिन पीछे से किसी और को बुला लेती हैं। सबीउल्लाह के अनुसार, परिवार के साथ आने वाली लड़कियों के लिए कोई रोक नहीं है। Jama Masjid New Rule,
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जामा मस्जिद दिल्ली के चाँदनी चौक इलाके में लाल किले के पास मौजूद है। लड़कियों के अकेले एंट्री न करने के आदेश मस्जिद के 3 तरफ से लगा दिए गए है। ये फरमान हिंदी के अलावा उर्दू में भी लिखे गए हैं। धातु की इन पट्टियों पर काले रंग से लिखा गया है, “जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिल होना मना है।” यह आदेश दफ्तर जामा मस्जिद दिल्ली की तरफ से बताया गया है।