(राहुल सहजवानी): भ्रष्टाचार के बड़े खेल का भंडाफोड़ हुआ है। खबर हरियाणा के यमुनानगर से है जहाँ स्टेट विजिलेंस स्पेशल यूनिट करनाल ने यमुनानगर आरटीए विभाग के डीटीओ डॉक्टर सुभाष चन्द्र को 30 लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार ओवरलोड वाहनों की एवज में प्रति ओवररलोड वाहन से 10 से 15 हजार रुपए लिए जाते थे। हरियाणा नंबर की गाड़ियों से 10 हजार और बाहरी राज्यो के वाहनों से 15 हजार रुपये लिए जाते थे। डीटीओ डॉ सुभाष के पास यमुनानगर के साथ साथ करनाल के डीटीओ का भी चार्ज था। विजिलेंस की टीम डीटीओ सुभाष को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। इस खेल में विजिलेंस पहले चार एजेंटों को भी गिरफ्तार कर चुकी है और आज डीटीओ सुभाष को गिरफ्तार किया है। उन चारों एजेंटों से भी 36 लाख बरामद हुए और अब तक 66 लाख 15 हजार रुपए की राशि बरामद की जा चुकी है। इस मामले में विजिलेंस कई और बड़े खुलासे कर सकती है और जांच में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती है। Yamunanagar news,
न खाऊंगा न खाने दूंगा कहने वाली मनोहर सरकार के अधिकारी सरकार के इस नारे से उलट चल रहे हैं। ऐसे ही एक भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। वर्ष 2020 बैच के एचसीएस अधिकारी करनाल व यमुनानगर के डीटीओ डा. सुभाष चंद्र को 30 लाख की रिश्वत के साथ विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। एजेंटों सहित अब तक 66 लाख 15 हजार रुपए की राशि बरामद की जा चुकी है। विजिलेंस इंस्पेक्टर सचिन ने बताया की करनाल विजिलेंस को टीम को ओवरलोड वाहन निकालने के लिए मंथली लेने की शिकायत उत्तर प्रदेश के शामली निवासी ट्रांसपोर्टर ने दी थी। जिसमें कहा गया था कि डीटीओ डा. सुभाष चंद्र व एक अन्य कर्मी दलालों के माध्यम से ओवरलोड वाहनों को निकलवाने के लिए मंथली ले रहे हैं। उनसे भी 50 हजार रुपये की मांग की जा रही है। जिसके बाद टीम ने नौ अक्टूबर को शिकायतकर्ता से 40 हजार रुपये लेते पंसारी बाजार निवासी अंकित व उसके साथी लवली को पकड़ा था । Yamunanagar news,
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इसके बाद बाइपास रोड से गांधीधाम कालोनी निवासी नीरज को पकड़ा गया। आरोपियों के पास से नौ लाख 15 हजार रुपये बरामद किए गए। इनमें से लवली को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। जबकि अंकित व नीरज को तीन दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। उनसे पूछताछ के बाद एक अन्य दलाल संदीप को गिरफ्तार किया गया। जिसे शनिवार को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। उससे 27 लाख रुपये की रिकवरी की गई है। पकड़े गए चार दलालों से 36 लाख 15 हजार रुपये बरामद हुए हैं। अब तक कुल 66 लाख 15 हजार रुपये विजिलेंस ने बरामद किए हैं। डीटीओ को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। जिससे यह पता चल सके कि बंदरबांट कहां-कहां चल रही थी। विजिलेंस को कुछ डॉक्यूमेंट भी मिले हैं।