कोरोना वायरस के लिए भारत देश में एक बुरी खबर सामने आने वाली है। क्योंकि अब इस वायरस के खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। देश में चल रहे को वैक्सीन ट्रायल के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। इस कोरोनावायरस का खात्मा करने के लिए डॉ दिन-रात एक करने में लगे हुए। देश में चल रहे कोवैक्सीन (Covaxin) ट्रायल का प्रथम फेज़ का वैक्सीनेशन कार्य समाप्त हो चुका है और अब इस ट्रायल के परिणाम जानने के लिए सैंपलिंग शुरू कर दी गई है।
रोहतक पीजीआई ने 375 वॉलिंटियर में से 81 वालंटियर को यह वैक्सीन दी थी, जिनमें कोई भी साइड इफेक्ट अभी तक दिखाई नहीं दिया है और सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में इस फेज के ट्रायल का रिजल्ट सामने आ जाएगा। ट्रायल कर रही टीम की प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि यह वैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ कारगर साबित होगी।
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क्या रहे शुरुआती परिणाम ?
पीजीआई रोहतक की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर व्यायाइक्सिन ट्रायल डॉ सविता वर्मा ने बताया कि फेज एक में ह्यूमन ट्रायल में दो डोज देनी थी। उसके लिए आज 28 दिन पूरे हो गए है। आज से ब्लड सैम्पल लेने का काम शुरू हो गया है। इससे पता लगेगा कि यह वैक्सीन कितनी प्रभावशाली होगी। हमारे यहां 81 लोगो को वैक्सीन की डोज लगाई है। पहले चरण में 18 से 55 वर्ष के लोगो पर वैक्सीन के दो डोज दिए गए है। इसका कोई बुरे कोई भी परिणाम नहीं आये है। यह सेफ्टी के लिहाज से ठीक रहा है।
उन्होंने कहा कि अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के प्रथम सप्ताह में उन्हें पहले चरण के ट्रायल के परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे और पूरी उम्मीद है कि यह वैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ कारगर साबित होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि काले पीलिया की दवा का कोरोना वायरस के खिलाफ ट्रायल की अनुमति उन्हें मिल चुकी है और जल्द ही इस ट्रायल की भी शुरुआत हो जाएगी और यह भी कोरोनावायरस के खिलाफ एक बहुत बड़ा कदम होगा।