नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): लोकसभा में पेश हुआ एमसीडी एकीकरण का बिल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया बिल।लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया, इस दौरान आरएसपी, कांग्रेस, बसपा ने विधेयक पेश करने का विरोध किया। इस दौरान नित्यानंद राय ने कहा कि इस विधेयक से नगर निगम दिल्ली में एकरूपता, ठोस नीति और कर्मचारियों के वेतन भुगतान जैसी समस्याओं का समाधान होगा और यह विधेयक दिल्लीवासियों के हित में है।
केंद्र सरकार तीनों एमसीडी को एक करने से जुड़ा बिल आज संसद में लेकर आएगी। दिल्ली के तीनों नगर निकायों के एकीकरण के लिए केंद्र सरकार विधेयक पेश करने को तैयार है। बीजेपी सांसद और पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एमसीडी एकीकरण बिल को दिल्ली के विकास के लिए जरूरी बताया है। मनोज तिवारी ने संभावना जताई है कि एमसीडी बिल अब सोमवार-मंगलवार तक सदन में पेश किया जा सकता है।
एमसीडी एकीकरण का बिल आज लोकसभा में होगा पेश, घट सकती है सीटों की संख्या, फ़िलहाल तीनों निगमों को मिलाकर वार्डों की कुल संख्या 272 है। नये एमसीडी एकीकरण बिल में ये संख्या घटाकर अधिकतम 250 किए जाने की संभावना है। इसके लिए बिल में वार्डों की सीमा और संख्या निर्धारित करने के लिए नए परिसीमन का भी प्रावधान किए जाने की संभावना है। परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने में समय लग सकता है।
लोकसभा की संशोधित कार्यसूची के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह आज लोकसभा में दिल्ली नगर निगम बिल-2022 पेश करेंगे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बिल पर मुहर लगाई गई थी।
इधर, एमसीडी के एकीकरण से जुड़े केंद्र सरकार के बिल की पैरवी करते हुए दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने एमसीडी चुनाव ना जीतने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनीति से सन्यास लेने की चुनौती दी है।
ख़बर है कि तीनों एमसीडी को एक करने की जो प्रक्रिया केंद्र ने शुरू की है, उसका मॉडल अब धीरे-धीरे साफ होने लगा है। बताया जा रहा है कि यूनिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने तक एमसीडी की कार्यवाही को आगे बढ़ाने लिए गृह मंत्रालय एक स्पेशल अफसर नियुक्त करेगा। स्पेशल अफसर की पावर एमसीडी सदन के समान होगी और यह एमसीडी कमिश्नर से भी ऊंचे पद पर आसीन होंगे।
एमसीडी सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को गृह मंत्रालय ने एमसीडी के सीनियर अफसरों की मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग में कई चीजों पर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यूनिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान एमसीडी कार्यवाहियों को आगे बढ़ाना था। जानकारी के मुताबिक, पहले तो यह प्लान किया जा रहा था कि ऐडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया जाए। लेकिन, ऐडमिनिस्ट्रेटर की जगह अब मंत्रालय ने स्पेशल अफसर नियुक्त कर कार्यवाही की जिम्मेदारी देने का प्लान तैयार किया है।
सदन की तरह ही स्पेशल अफसर को भी किसी भी प्रोजेक्ट पर मंजूरी देने या रिजेक्ट करने का अधिकार होगा। स्पेशल अफसर को वित्तीय पावर भी होगी। एमसीडी कमिश्नर उनके अधिन ही कार्य करेंगे। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय स्पेशल अफसर किसी रिटायर्ड सीनियर अफसर या फिर पॉलिटकल पार्टी के लीडर को नियुक्त करने की योजना बनाई है। स्पेशल अफसर एमसीडी की कार्य़वाहियों को तब तक चलाते रहेंगे, जबतक यूनिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
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