BJP: सबरीमाला सोना गबन मामले में केरल बीजेपी ने CBI जांच के लिए अदालत का किया रुख

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BJP: भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने सबरीमला मंदिर सोना गबन मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को लेकर केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। चंद्रशेखर ने अपनी याचिका में दलील दी है कि घटना की गहन जांच आवश्यक है।उन्होंने कहा कि मंदिर का सोना कथित तौर पर विभिन्न राज्यों में भेजा गया था और केरल के बाहर के व्यक्ति और प्रतिष्ठान भी इसमें संलिप्त हैं।BJP:

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याचिका में कहा गया है, ‘‘इसलिए व्यापक जांच केवल सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से ही संभव होगी।’बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने याचिका में आरोप लगाया कि त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) में ऐसे लोग कार्यरत हैं, जिनका राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी से स्पष्ट राजनीतिक जुड़ाव है और बोर्ड के बाहर के लोग, जिनका सत्ता के गलियारों में प्रभाव है, इस प्रक्रिया से लाभान्वित हुए हैं।विशेष जांच दल (एसआईटी) की प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि चूंकि कथित अपराध राज्य की सीमाओं से परे फैला हुआ है, इसलिए एसआईटी जांच प्रभावी नहीं हो सकती है।BJP: 

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याचिका में दलील दी गई है, ‘‘ बोर्ड के सदस्यों को सरकार ने नियुक्त किया था, इसलिए जांच के दौरान उन्हें बचाए जाने की आशंका है। बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ में एसआईटी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया इन आशंकाओं को पुष्ट करती है।’चंद्रशेखर ने मीडिया में आई उन खबरों का भी हवाला दिया जिनमें दावा किया गया था कि टीडीबी के एक पूर्व सदस्य का बेटा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में कार्यरत है और कथित तौर पर संभावित संलिप्तता को छिपाने के लिए जांच को पटरी से उतारने का प्रयास कर रहा है।BJP: 

उन्होंने कहा, ‘‘ये भी एक गंभीर मामला है जिस पर विचार करने की आवश्यकता है और इसमें सीबीआई जैसी एजेंसी की भागीदारी उचित होगी।’बीजेपी नेता ने टीडीबी परिसंपत्तियों का गहन ऑडिट कराने का भी अनुरोध किया। न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन और न्यायमूर्ति के.वी. जयकुमार की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई की।अदालत ने याचिका की कुछ खामियों को इंगित करते हुए कहा कि वह अगले सप्ताह इस पर फिर से विचार करेगी।इस बीच, मामले के संबंध में एसआईटी द्वारा गिरफ्तार टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष ए. पद्मकुमार ने जमानत के लिए कोल्लम सतर्कता न्यायालय का रुख किया है।उन्होंने दलील दी कि द्वारपालक मूर्तियों की स्वर्ण-मढ़ित प्लेट और श्रीकोविल (गर्भगृह) के चौखट में जड़ित सोने को मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपने का निर्णय बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया था, लेकिन केवल उन पर ही मामला दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया।अदालत उनकी अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई करेगी।BJP: 

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