BJP: लद्दाख के उप-राज्यपाल का बड़ा बयान, बोले- कुछ लोग केंद्र के साथ हो रही वार्ता से नाखुश

BJP: लद्दाख के उप-राज्यपाल कविंदर गुप्ता ने बुधवार को स्वीकार किया कि कुछ लोग केंद्र के साथ हो रही वार्ता में ‘असंतुलित’ प्रतिनिधित्व से नाखुश हैं, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने ‘सफेदपोश’ आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ करने और देश में बड़े हमलों को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस की सराहना की और ऐसी साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सलाह दी।BJP:

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पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में गुप्ता ने कहा कि लेह एपेक्स बॉडी यानी एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी केडीए ने गृह मंत्रालय की उप-समिति के साथ पिछली बैठक के बाद अपनी मांगों का 29 पेज का मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है।उपराज्यपाल ने कहा कि गृह मंत्रालय ने उनसे अपनी मांगों का एक मसौदा प्रस्ताव तैयार करने को कहा था। स्वाभाविक है कि जब हम साथ बैठेंगे, तो कई बातें सामने आएंगी।BJP:

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हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि केंद्र के साथ बातचीत में, प्रतिनिधित्व में ‘असंतुलन’ से कुछ लोग नाराज थे।उन्होंने कहा कि मैंने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दे दी है, जो इस मामले को सीधे देख रहा है, इसलिए उन्हें इस पर चर्चा करने दीजिए।लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन यानी एलबीए के पूर्व अध्यक्ष तोंडुप सेवांग चोस्पा ने हाल ही में इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि संविधान की छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा और सुरक्षा उपायों जैसी क्षेत्र की प्रमुख मांगों पर केंद्र के साथ वार्ता करने वाले ‘लद्दाखी प्रतिनिधियों की संरचना में असंतुलन’ है। BJP:

चोस्पा ने कहा कि जारी वार्ता में ज्यादातर प्रतिनिधि मुस्लिम समुदाय से हैं, जबकि बौद्ध समुदाय का प्रतिनिधित्व कम है।उन्होंने आगाह किया कि इस तरह के‘असंतुलन’ से संवाद प्रक्रिया में बौद्ध समुदाय के सांस्कृतिक, सामाजिक और क्षेत्रीय दृष्टिकोणों के पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित होने की संभावना सीमित हो सकती है।लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद हिरासत में लिए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और अन्य लोगों के लिए आम माफी की मांग वाले मसौदा प्रस्ताव पर गुप्ता ने कहा कि केंद्र और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत के कारण टिप्पणी करना अनुचित होगा।हिंसा में चार लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे।

वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका के तहत हिरासत में लिया गया, जबकि दर्जनों युवाओं को लेह में हिरासत में लिया गया। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।गुप्ता ने कहा कि वांगचुक के खिलाफ मामला कुछ सबूतों के आधार पर दर्ज किया गया था। बातचीत होने के बाद, हम देखेंगे कि क्या नतीजे निकलते हैं। इस समय कोई भी टिप्पणी करना गलत होगा।

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