Board Exam 2024:केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश की जिम्मेदारी संभाली तो उन्होंने सभी क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधार का खाका बनाया था। लेकिन उसमें प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा का क्षेत्र था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में आई, 29 जुलाई 2020 को ये आई। इसी जुलाई में इसके कार्यान्वयन के तीन साल पूरे होंगे। इस साल तो हम कोविड में ही फंसे रहे। लेकिन फिर भी विभाग ने जिस उत्साह के साथ इसको बनाया था वो निरंतर काम करता रहा।
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परीक्षा में बैठना अनिवार्य नहीं – केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि विद्यार्थियों के लिए साल में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं, वैकल्पिक होगा।धर्मेंद्र प्रधान ने पीटीआई वीडियो को दिए खास इंटरव्यू में कहा कि ‘डमी स्कूलों’ के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इस पर गंभीर चर्चा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, “विद्यार्थियों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह ही साल में दो बार कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा। वे परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं। लेकिन ये पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, इसे लेकर कोई बाध्यता नहीं होगी। विद्यार्थी अक्सर ये सोचकर तनाव में आ जाते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया। उनका मौका चला गया या वो बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। इसी डर से होने वाले तनाव को कम करने के लिए ये विकल्प पेश किया जा रहा है।
टेंशन कम करना जिम्मेदारी –केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर किसी विद्यार्थी को लगता है कि वो पूरी तरह से तैयार है और पहली परीक्षा में प्राप्त अपने अंकों से संतुष्ट है तो वो दूसरी परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है।केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से अगस्त में घोषित एनसीएफ के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यार्थियों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और मौका हो। साथ ही उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देने का मौका मिले।धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना पर उन्हें विद्यार्थियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा, “इसे हासिल करने के लिए हम छात्रों को शैक्षणिक और व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के लिए शिक्षा और कौशल के बीच तालमेल बना रहे हैं। आज लगभग 1000 कौशल केंद्र हैं जिनमें एक लाख उम्मीदवार नामांकित हैं। हम ऐसे 5000 केंद्र बनाने की योजना बना रहे हैं।धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में गतिशीलता प्रदान करता है और क्रेडिट आधारित प्रणाली में कौशल और अनुभवों के एकीकरण में मदद करता है।
(Souce PTI )
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