नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल के आखिर में भारत दौरे पर आएंगे। बोरिस जॉनसन की इस यात्रा का एक अहम मकसद चीन पर नजर रखना भी है।
आपको बता दें, भारत ने बोरिस जॉनसन को अपने 72वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से उन्होंने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था।
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद बोरिस जॉनसन की यह पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय यात्रा होगी। इसकी जानकारी पीएम जॉनसन के कार्यालय ने दी है।
बता दें, यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता है। ब्रिटेन का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक ताकत के साथ चीन से निपटने का भी है।
Also Read Pakistan में एक बार फिर बैन हुआ ‘TikTok’
बीते कुछ वक्त में हॉन्ग कॉन्ग, कोरोना महामारी और ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में चीन की कंपनी Huawei को सक्रिय भूमिका न मिलने जैसे मुद्दों को लेकर बीजिंग और ब्रिटेन के बीच संबंधों में तनाव किसी से छिपा नहीं है।
ब्रिटेन ने पिछले महीने पीएम मोदी को देश के कोर्नवाल क्षेत्र में जून में होने वाले जी-7 सम्मेलन में शरीक होने का न्योता भी दिया है। जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं।
ब्रिटेन ने इस सम्मेलन में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि राष्ट्र के रूप में आमंत्रित किया है। बता दें, गणतंत्र दिवस पर भारत को शुभकामनाएं देते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा था कि मैं इस साल भारत आने के लिए उत्सुक हूं ताकि हमारी दोस्ती को मजबूत कर सकें, रिश्तों को आगे बढ़ा सकें, जिसका संकल्प प्रधानमंत्री मोदी और मैंने किया है।
उन्होंने कहा था कि मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विनम्र आग्रह पर इस खास अवसर का साक्षी बनने को उत्साहित था, लेकिन कोविड-19 के कारण उत्पन्न समस्याओं के कारण मुझे लंदन में ही रुकना पड़ा।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter.

