( प्रदीप कुमार )- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को झारखंड के हज़ारीबाग में BSF के 59वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इसके साथ ही कार्यक्रम को संबोधित भी किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड के हज़ारीबाग में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 59वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया और इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल की वार्षिक पत्रिका ‘बॉर्डरमैन’ का भी विमोचन किया। इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी वहां उपस्थित थे।
गृहमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जीवनपर्यन्त कर्तव्य बीएसएफ का सिर्फ उद्घोष वाक्य नहीं है बल्कि आज तक 1900 से अधिक सीमा प्रहरियों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर इस वाक्य को चरितार्थ भी किया है। उन्होंने कहा कि लाखों सीमा प्रहरियों ने अपने जीवन का स्वर्णिम काल कठिनतम परिस्थितियों में परिवार से दूर रहकर बिताया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति के रूप में बीएसएफ ने जिस तरह से देश की दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा की है, उससे पूरा देश सीमा सुरक्षा बल के इन वीर जवानों पर गर्व करता है।
केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, एक सीमा पर एक ही सुरक्षा बल की तैनाती। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के तहत पाकिस्तान और बांग्लादेश की सबसे दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल को मिली, जिसे बीएसएफ ने बखूबी निभाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाके, पूर्वोत्तर के पहाड़, गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तान हों, गुजरात का दलदली इलाका हो या फिर सुंदरवन और फिर चाहे झारखंड के घने जंगल हों, बीएसएफ ने हमेशा मुस्तैद रहते हुए दुश्मन के नापाक इरादों को विफल किया है। सीमा सुरक्षा बल ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेवा और वीरता के नए मानांक स्थापित किए हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं होतीं, वो देश कभी विकसित और समृद्ध नहीं हो सकता।
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गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने हर क्षेत्र में प्रगति की है और ये तभी संभव है जब हमारे वीर जवानों के त्याग, तपस्या, बलिदान और शौर्य से हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने वाले वीर जवान देश के विकास की नींव हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि बीएसएफ के जवानों का जीवन सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ देश के युवाओं को अनुशासन का संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि आज यहां कुल 23 जवानों को बहादुरी पदक दिए गए हैं और 5 जवानों को मरणोपरांत पदक दिए गए हैं। इन 23 में से 11 जवानों को Police Medal For Gallantry, 1 जवान को जीवनरक्षक पदक और 11 जवानों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिए गए हैं। गृहमंत्री शाह ने मरणोपरांत पदक प्राप्त करने वाले 5 शहीदों के परिजनों से कहा कि उनके नुकसान की भरपाई कोई नहीं कर सकता लेकिन देश की 130 करोड़ जनता इन शहीदों के बलिदान पर हमेशा गर्व करेगी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने 1 महावीर चक्र, 4 कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र और 13 शौर्य चक्र सहित अनेक पदक और पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा सुरक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 सालों में सीमाओं की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सुरक्षा, विकास और लोकतांत्रिक प्रक्रिया- तीनों को तवज्जो दी है। गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हजारों करोड़ रूपये के बजट के साथ मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की शुरुआत की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सीमावर्ती गांवों में अनेक कल्याणकारी योजनाओं के साथ सीमा सुरक्षा बल और अन्य सभी बलों को जोड़करबल द्वारा सुरक्षा के साथ-साथ जनकल्याण के एक नए कांसेप्ट को भी शुरू किया। गृहमंत्री शाह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अच्छी रेल, रोड वाटर-वे कनेक्टिविटी और दूरसंचार सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि भू सीमा व्यापार के साथ-साथ पीपल टू पीपल कनेक्ट को भी बढ़ाया गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में सीमाओं पर लगभग 560 किलोमीटर बाड़ लगाकर घुसपैठ और स्मगलिंग पर लगाम कसने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले 2 साल में पूरी पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा को बाड़ लगाकर सुरक्षित कर लिया जाएगा।गृहमंत्री शाह ने कहा कि सीमा पर 1100 किलोमीटर क्षेत्र में फ्लडलाइट्स लगाई गई हैं, 542 नए बॉर्डर आउटपोस्ट और 510 ऑब्जरवेशन पोस्ट टावर बनाए गए हैं, पहली बार हरामी नाला क्षेत्र में ऑब्जरवेशन टावर बनाए गए हैं, 637 आउटपोस्ट पर बिजली और लगभग 500 स्थानों पर पानी कनेक्शन दिए गए हैं। इसके अलावा 472 जगह पर सोलर प्लांट लगाकर सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों की सहूलियत को सुनिश्चित किया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की People Inclusive Border Management Policy ने सीमा प्रहरियों के काम के बोझ़ को बहुत कम किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में बीएसएफ ने 30 हज़ार किलोग्राम से ज्यादा नारकोटिक्स पकड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स न केवल देश की भावी पीढ़ी को खोखला करता है बल्कि इससे उत्पन्न पैसा आतंकवाद का वित्त पोषण भी करता है और बॉर्डर पर बने इस ट्रेड लिंक के ज़रिए हथियारों की आवाजाही भी होती है। श्री शाह ने कहा कि इसीलिए इन तीनों कारणों से ये बहुत ज़रूरी है कि पूरी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर नारकोटिक्स के व्यापार के प्रति हमारी कठोर, जीरो टॉलरेंस वाली और संवेदनशील नीति हो और बीएसएफ ने ये काम बहुत अच्छे तरीके से किया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ ने 2500 से ज्यादा हथियार पकड़े हैं और एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी Evolving Technology के साथ बीएसएफ ने बहुत अच्छे प्रयोग किए हैं। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने अब तक 90 से ज्यादा विदेशी ड्रोन मार गिराए हैं और इसके रूट की पहचान करने के लिए नई दिल्ली में बीएसएफ ड्रोन और साइबर फॉरेंसिक लैब स्थापित कर R&D के क्षेत्र में भी बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने एरिया डोमिनेशन के लिए फील्ड फॉर्मेशन के साथ 100 ड्रोन उपलब्ध कराए हैं जिसका बहुत अच्छा उपयोग बीएसएफ के जवान कर रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि 5 साल में 5 करोड़ पौधे लगाने का एक नारा दिया गया था और हमारे Central Armed Police Forces (CAPFs) अब तक 5 करोड़ पौधे लगा चुके हैं और हर पौधे के साथ एक जवान को चिन्हित कर अपने बच्चों की तरह वृक्ष को पालने की व्यवस्था भी बना रहे हैं।गृहमंत्री शाह ने कहा कि इन 5 करोड़ पौधों में से 92 लाख पौधे सीमा सुरक्षा बल के सीमा प्रहरियों ने लगाए हैं और आने वाले समय में ये बड़े वृक्ष बनकर इन्हें लगाने वाले जवानों की स्मृति को संजोकर रखेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं है जब देश वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त हो जाएगा और इस दिशा में विगत 10 सालों में मोदी सरकार ने सातत्यपूर्ण प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों के परिणाम स्वरूप हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत, मृत्यु की घटनाओं में 70% की कमी आई है और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिले 96 से घटकर 45 रह गए हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद अब सिमटता जा रहा है और अब इस पर एक नए हौंसले और जोश के साथ अंतिम प्रहार करने के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी तैयार है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में सुरक्षा वैक्यूम को भरने के लिए 2019 से लेकर अब तक 199 नए शिविर खोले गए हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि नए कैंप लगाने और गश्त बढ़ने से वामपंथी उग्रवादियों के सभी संसाधनों पर नियंत्रण पाया जा सका है और इसी का परिणाम है कि बूढ़ा पहाड़ और चकरबंदा जैसे दुर्गम क्षेत्रों को आज पूरी तरह से वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने में हमें सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि कोल्हान और झारखंड के कुछ क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभी अंतिम लड़ाई जारी है और यह लड़ाई भी हम ज़रूर जीतेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी CAPFs के साथ मिलकर 40 लाख से ज्यादा आयुष्मान सीएपीएफ कार्ड देशभर में बांटे गए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 13000 जवानों को घर देने का काम मोदी जी ने किया है, 113 नए बैरक बनाए हैं और जल्द ही 11000 और मकान जवानों को दे दिए जाएंगे और 108 बैरक भी बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक पिछले 5 सालों में लगभग 24000 से ज्यादा जवानों को मकान देने का काम हो जाएगा। इसके अलावा सीएपीएफ ई-आवास पोर्टल से 70 हज़ार से ज्यादा जवानों को खाली पड़े मकान अलॉट कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हवाई कोरियर सेवाएं, Ex-Gratia में समानता लाने और केंद्रीय अनुग्रह राशि में बढ़ोतरी करने जैसे कई काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किए हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी के 10 सालों के शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और पूर्वोत्तर के तीनों हॉटस्पॉट में हमने लड़ाई जीतने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में आतंकवाद पर सुरक्षाबलों का संपूर्ण वर्चस्व स्थापित हुआ है, नॉर्थईस्ट में भी हिंसा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई को हम जीतने की कगार पर खड़े हैं और इन सभी मोर्चों पर लड़ाई में बीएसएफ के जवानों का बहुत बड़ा योगदान है।