CAA Protests: क्रेंद सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में CAA को लागू कर दिया ।CAA के लागू होने के बाद कई विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध भी जताया। हाल में CAA के लागू होने के बाद देश का कई राज्यों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।CAA के लागू होने पर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों ने मंगलवार को प्रदर्शन शुरू कर दिया।विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए भारी संख्या में विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर पुलिस बल तैनात किया गया है
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विश्वविद्यालय के गेट के पास प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदर्शनकारी छात्रों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को रद्द करने और लगभग चार साल पहले सीएए विरोधी प्रदर्शन में बुक किए गए सभी छात्रों को रिहा करने की मांग की।उन्होंने छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की भी मांग की।छात्रों ने जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर के अंदर से मीडिया को संबोधित किया।
गुवाहाटी विश्वविद्यालय मे भी CAA का हुआ विरोध..
केंद्र सरकार की तरफ से सीएए को लागू करने से जुड़ी अधिसूचना के खिलाफ सोमवार को गुवाहाटी विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया।छात्रों ने सीएए से जुड़ी अधिसूचना की कॉपियां जलाईं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के प्रतिनिधि ने कहा, “हमने देखा है कि सरकार ने सीएए लागू कर दिया है। हम आज भी इसका विरोध कर रहे हैं। हम नहीं चाहते कि इसे असम में लागू किया जाए और हम इसका विरोध करते रहेंगे।
सीएए से किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी- गृह मंत्री अमित शाह
सीएए पर पिछले कुछ समय से विरोध करने वालों पर गृह मंत्री शाह अमित शाह(Home Minister AMIT Shah) निशाना साधते हुए कहा था।CAA के जरिय़ किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी। इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।इन कानून को उन लोगों के लिए बनाया गया है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए और उन्होंने भारत में आकर शरण ली है। (have taken refuge in India)