CAQM: बिना जुर्माने वाले कानून ‘दंतहीन’, प्रदूषण पर सख्त SC  ने लगाई केंद्र को फटकार

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CAQM: दिल्ली में बढ़  रहे  प्रदूषण को लेकर अब SC ने केंद्र को फटकार लगाई है। बिना जुर्माने वाले कानूनों को दंतहीन बताया है। SC ने बुधवार को पर्यावरण कानूनों को दंतहीनबनाने के लिए केंद्र की खिंचाई की और कहा कि पराली जलाने पर जुर्माने के CAQM अधिनियम के प्रावधान को लागू नहीं किया गया। अदालत ने यह भी कहा कि पराली जलाने के आंकड़ों को सही नहीं बताया जा रहा है। इसे लेकर गुमराह किया जा रहा है। SC ने पंजाब और हरियाणा द्वारा पराली जलाने को लेकर कोई कार्रवाई ना करने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।

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जस्टिस अभय एस ओका, अहसानुद्दीन अमानुल्ला और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कानून लागू करने के लिए जरूरी मशीनें तैयार किए बिना CAQM अधिनियम लागू किया गया। वहीं केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि पराली जलाने पर CAQM अधिनियम के तहत जुर्माने पर विनियमन 10 दिनों में जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक निर्णायक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा और कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

भाटी ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पंजाब और हरियाणा के सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने CAQM से पूछा कि आपके नोटिस को कौन गंभीरता से ले रहा है क्योंकि कानून के तहत प्रक्रिया प्रदान नहीं की गई है। पीठ ने कहा कि कृपया CAQM के अपने अध्यक्ष से कहें कि इन अधिकारियों को जमानत न दें। हम जानते हैं कि जमीन पर क्या हो रहा है। भाटी ने बताया कि पंजाब के अमृतसर, फिरोजपुर, पटियाला, संगरूर, तरनतारन जैसे कई जिलों में पराली जलाने के 1,000 से ज्यादा मामले हुए हैं।

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16 अक्टूबर को, SC ने पराली जलाने के दोषी पाए गए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा न चलाने पर पंजाब और हरियाणा सरकारों की खिंचाई की थी, जबकि राज्य के मुख्य सचिवों को स्पष्टीकरण के लिए 23 अक्टूबर को पेश होने के लिए बुलाया था। SC पंजाब और हरियाणा सरकारों की ओर से पराली जलाने को रोकने के लिए NCR में CAQM के जारी निर्देशों को लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने से नाराज है।

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