(विकास मेहला): हरियाणा के करनाल में मौसम लगातार करवट बदल रहा है। जिसका खामियाजा किसानों को झेलना पड़ रहा है। मंडियों में धान को भिगने से बचाने के पर्याप्त व्यवस्था तक नहीं है। यहीं नहीं मंडियों में धान लिफ्टिंग प्रणाली धराशाही हो चुकी है। अधिकारियों ने माना है कि मंडियों में 20 से 21 लाख क्विंटल धान की लिफ्टिंग बाकी है, जिसको जल्द करवाया जाएगा। लॉफ्टिंग प्रणाली ठप होने की वजह से किसानों को मंडियों में धान डालने की जगह तक नहीं मिल पा रही है। मंडियों में धान लेकर पहुंचे किसान अपने स्तर पर धान को भिगने से बचाने में लगे है, लेकिन उनके प्रयास विफल नजर आ रहे है। प्रशासन मूकदर्शक बनकर किसानों की हालात देख रहा है। किसानों ने सरकार से मांग कि मंडियों में धान को भिगने से बचाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाए, हालांकि किसानों ने इस बात पर संतुष्टि जताई कि उन्हें धान के उचित रेट मिल रहे है।
करनाल के हथलाना गांव के किसान ईशम सिह ने कहा, बरसात की वजह से धान खराब हो रही है, खरीदने वाला कोई नहीं न ही धान का उठान हो रहा है। उन्होंने कहा कि धान को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही हे। मंडियों में धान से भरी बोरियां ही बोरियां दिखाई दे रही है। बरसात की वजह से धान कटाई में देरी हो रही ह। उन्होंने कहा कि मंडियों में धान को भिगने से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को धान के रेट समर्थन मूल्य से अधिक मिल रहे है। उन्होंने सरकार से मांग कि मंडियों में धान को भिगने से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
नफे सिंह किसान ने कहा करनाल मंडी में बरसात की वजह से काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है, बरसात की वजह से मंडियों में धान भीग रहा है। क्योंकि बारदाने की वजह से धान भीग रहा है। फसल को भिगने से बचाने के लिए बारदाना नहीं है, सरकार को चाहिए कि मंडियों में पर्याप्त संख्या में बारदाना उपलब्ध कराया जाए। रमेशं किसान ने कहा बरसात की वजह से हालात खराब है, व्यवस्था ठीक नहीं है, बरसात की वजह से लॉफ्टिंग नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से जमींदारों की धान डालने की जगह तक नहीं मिल रही। बरसात की वजह से कटाई प्रभावित हुई है, धान के रेट सही मिल रहे है।
रजनीश चौधरी, प्रधान, नई अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन करनाल ने कहा मंडी में आवक काफी कम हो चुकी है, बारिश की वजह से कटाई कम हो चुकी है। किसानों से अपील भी कर रहे है कि वे मंडियों में धान को काटकर नहीं लाए। मौसम साफ हो जाएगा, तभी मंडी में धान की आवक लेकर आए। उन्होंने कहा कि करीब 70 प्रतिशत लॉफ्टिंग हो चुकी है, परचेज सही प्रकार से चल रही है, रविवार को परचेज नहीं की थी। अब सीजन स्लो हो चुका है, अभी 3 से 4 दिन ऐसा ही रहेगा, क्योंकि बारीश हुई है। जिससे किसान मौसम खुलने पर धान की कटाई दोबारा से शुरू करेंगे।
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मंडियों में धान की आवक पीक पर है, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से धान की आवक कुछ कम हुई है। उन्होंने कहा कि सभी आढ़तियों को निर्देश दिए है कि जिन किसानों का धान मंडियों में आ चुका है, वे उसे कवर रखें ताकि किसानों को नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि फिलहाल धान की लॉफ्टिंग पूरी स्पीड पर नहीं है, 70 प्रतिशत तक उठान हो पाया है, करीब 20 से 21 लाख क्विंटल धान की लॉफ्टिंग बाकी है, जिसे जल्द ही करवा दिया जाएगा।
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