रायपुर (रिपोर्ट- नीरज तिवारी): छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर अंतरकलह अब सार्वजनिक हो गई है। 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरगुजा प्रवास पर रवाना होने से पहले ये बयान देकर सबको चौंका दिया कि मुझे पद का कोई लोभ नहीं है आला कमान आज निर्देश दे तो मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ दूंगा।
मुख्यमंत्री के इस बयान के चार दिन पहले सरकार में नंबर दो के मंत्री टीएस सिंहदेव ने बिलासपुर में कहा था कि मैंने दो दिन के और पंद्रह साल के भी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल को देखा है। यह आला कमान पर निर्भर करता है कि वह किसे कब जिम्मेदारी सौंपता है। मुख्यमंत्री का बयान इसी के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदेश में कांग्रेस एकतरफ़ा बहुत पर सरकार में हैं और सरकार बनते समय पार्टी आलाकमान से हुई बातचीत में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच, ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की सहमति के बाद भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया था। ये बात भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री पद पर शपथ लेने के बाद से ही चर्चा में है।
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भूपेश बघेल ने कहा कि अगर अभी आप से बात करते हुए मुझे आलाकमान से फोन आ जाए तो मैं यहीं से वापस हो जाऊंगा। मुझे पद का मोह नहीं है।
उन्होंने तीखे लफ्जों में कहा, अगर कोई गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहा है तो वह सचेत रहे। ऐसे लोग राज्य का विकास होते नहीं देखना चाहते इसलिए ऐसी बातें कह रहे हैं।दरअसल, लम्बे समय से प्रदेश में सुगबुगाहट चल रही है कि ढाई साल के कार्यकाल के बाद कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने वाली है।
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