छत्तीसगढ़ सरकार ने 1.65 लाख करोड़ रुपये का बजट किया पेश

छत्तीसगढ़ सरकार ने 1.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में 2025-26 का विकासोन्मुखी बजट पेश करते हुए बस्तर के विकास और बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर दिया है। इस बजट में बस्तर को एक नए विकास मॉडल के रूप में उभारने तथा नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। खास बात यह है कि बिना कोई नया टैक्स लगाए, सरकार की कमाई 11% बढ़ने का अनुमान है।

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इस साल सरकार ने कैपेक्स के लिए 26,341 करोड़ रखे हैं, जो पिछले साल से 18% ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि अब राज्य में और ज्यादा सड़कें, पुल, स्कूल और अस्पताल बनाए जाएंगे, जिससे लोगों की जिंदगी बेहतर होगी और विकास तेजी से होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा यह बजट विकसित छत्तीसगढ़ की नींव को और मजबूत करेगा। खासकर, बस्तर के विकास पर हमारा पूरा ध्यान है, जहां बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नए अवसरों पर बड़ा निवेश किया गया है। यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति और प्रगति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बस्तर के विकास के साथ सुरक्षा पर जोर:

छत्तीसगढ़ सरकार को बस्तर में नक्सली तंत्र को ध्वस्त करने में बड़ी सफलता मिली है. सवा साल में 305 नक्सली ढेर हुए हैं वहीँ, 1000 ने आत्मसमर्पण किया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल को सशक्त करने पर सरकार का विशेष जोर है। सरकार NSG की तर्ज पर SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) बनाएगी, जो नक्सल उन्मूलन में अहम भूमिका निभाएगी। 10 जिलों में एन्टी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स, 5 जिलों में साइबर थाने बनेंगे। खनिज संसाधनों की सुरक्षा के लिए CISF के तर्ज पर SISF का गठन किया जाएगा। पुलिस बल को मजबूत करने के लिए एक नवीन भारत रक्षित वाहिनी का गठन किया जायेगा। नक्सलवाद को खत्म करने में बस्तर फाइटर के योगदान को देखते हुए बजट में 3200 अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है। दो नक्सल प्रभावित ग्राम एलमागुंडा तथा डब्बाकोंटा में नवीन पुलिस थाना खोला जायेगा।

बस्तर ओलंपिक, मड़ई के लिए राशि का प्रावधान

हर साल बस्तर ओलंपिक के आयोजन के लिए ₹5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। योग शिविरों के लिए ₹2 करोड़ और जैव विविधता टूरिज्म ज़ोन के लिए ₹10 करोड़ का बजट रखा गया है। गांवों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए बनी नियद नेल्लानार (मेरा सुंदर गांव) योजना के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बस्तर संभाग के सभी जिलों में लोक उत्सवों के आयोजन (बस्तर मड़ई) और बस्तर मैराथन के लिए भी बजट में 2 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। वहीँ, बस्तर सरगुजा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे पालिसी बनाया जायेगा ।

बस्तर में अब हर रास्ता होगा आसान, हर गांव होगा स्मार्ट

छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर और अन्य इलाकों में सड़कें, पुल, स्कूल और डिजिटल सुविधाओं का विस्तार करने का बड़ा फैसला लिया है। जनजातीय क्षेत्रो में बुनियादी सुविधाओं और अधोसंरचना के विकास के लिए 221 करोड़ का प्रावधान किया गया है. वहीँ पीएम जनमन के तहत सस्कूल शिक्षा विभाग को 30 करोड़, आदिम जाति कल्याण विभाग को 12 तथा आवास निरमा के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है. अब गांवों तक पक्की सड़कें बनेंगी, जिससे लोग आसानी से सफर कर सकेंगे। स्कूलों में नई सुविधाएं जुड़ेंगी, ताकि बच्चे बेहतर शिक्षा पा सकें। इंटरनेट और बिजली की व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा, जिससे गांवों के लोग भी डिजिटल दुनिया से जुड़ सकें।

2047 तक के लिए क्या योजना है?

सरकार ने छत्तीसगढ़ अंजोर – विजन 2047 नाम की एक योजना बनाई है, जिसमें 2047 तक राज्य को विकसित बनाने के लिए 10 बड़े मिशन शुरू किए जाएंगे। ये मिशन स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, शिक्षा, आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित होंगे।

आर्थिक स्थिति कैसी है ?

सरकार ने इस बार 2804 करोड़ रुपये की ज्यादा कमाई का अनुमान लगाया है, जिससे छत्तीसगढ़ देश के कुछ चुनिंदा आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों में शामिल हो गया है। छत्तीसगढ़ की कुल राजस्व आय 1.41 लाख करोड़ रुपये होगी, जिसमें से ज्यादातर पैसा टैक्स और केंद्र सरकार से आने वाले फंड से मिलेगा। राज्य की आर्थिक वृद्धि दर 7.51% रहने की उम्मीद है, जो पूरे देश की औसत 6.5% से ज्यादा है।

बजट की मुख्य बातें संक्षेप में-

कोई नया टैक्स नहीं – आम जनता और व्यापारियों को राहत। पेट्रोल की कीमत में एक रुपए कमी का निर्णय। सड़कों और डिजिटल कनेक्टिविटी में निवेश । नए पुल, सड़कें और इंटरनेट सुविधा का विस्तार। 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य। 10 बड़े मिशन के तहत आर्थिक और सामाजिक विकास की योजना। व्यापारियों को राहत: छोटे व्यापारियों के लिए बकाया कर माफी योजना लाई जाएगी, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम होगा। ई-वे बिल की नई सीमा: पहले ₹50,000 से ज्यादा कीमत की वस्तु ले जाने पर ई-वे बिल बनाना जरूरी था, अब यह सीमा ₹1 लाख कर दी गई है, जिससे व्यापार करना आसान होगा। डिजिटल नवाचार को बढ़ाने सीएम सुशासन फेलोशिप योजना होगी शुरू। छोटे शहरों के विकास के लिए मुख्यमंत्री रिंग रोड योजना, 100 करोड़ का प्रावधान। पहली बार एक वित्तीय वर्ष में नई सड़कों के निर्माण के लिए 2000 करोड़ का प्रावधान।

नगर निगमों के सुनियोजित विकास के लिए मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना होगी शुरू, 500 करोड़ का बजट। ग्राम पंचायतों में यूपीआई पेमेंट की व्यवस्था। भविष्य की पेंशन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनेगा पेंशन फंड। कर्मचारियों के डीए में 3 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का निर्णय। जिला स्तर पर तकनीक का उपयोग करते हुए जीडीपी का मूल्यांकन करने के लिए स्टेटिस्टिकल एनालिसिस सिस्टम की स्थापना। स्थानीय आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए संग्रहालय की स्थापना। नया रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की स्थापना। नगरीय निकायों के अधोसंरचना विकास के लिए 750 करोड़। मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना होगी शुरू।

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