छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024-2030 लांच हुई

Chhattisgarh’s new industrial policy: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के आर्थिक विकास को नई दिशा देने के लिए औद्योगिक नीति 2024-2030 का शुभारंभ किया। यह नीति 1 नवंबर 2024 से 30 मार्च 2030 तक लागू रहेगी। नई नीति में रोजगार सृजन, कौशल विकास, निर्यात, निवेश और पर्यावरण संरक्षण जैसे बिंदुओं को प्राथमिकता दी गई है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “यह नीति राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक नई शुरुआत है। इससे न केवल उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के हर नागरिक को सशक्त बनने का अवसर मिलेगा। हमारा लक्ष्य उन वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है, जो अब तक इससे दूर थे।”

इस नीति में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उद्योगों को स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे उन्हें प्रत्यक्ष लाभ पहुंचे। 1,000 से अधिक स्थानीय कर्मचारियों को रोजगार देने वाले उद्योगों को सरकार प्रशिक्षण भत्ता प्रदान करेगी। इसके तहत, प्रत्येक नए कर्मचारी के लिए 15,000 रुपये का प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा, जो कर्मचारी के 12 महीने तक कार्यरत रहने पर मिलेगा। इसके साथ ही पहले पाँच वर्षों तक 75% ईपीएफ योगदान भी सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इसके साथ ही निशक्त जनों को रोजगार प्रदान करने पर पांच साल तक के लिए वेतन का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा, जो कि प्रति कर्मचारी अधिकतम पांच लाख वार्षिक होगा।नई नीति में स्थानीय युवा और महिलाएं नवीनतम उद्योग शुरू कर सकें इसके लिए उन्हें विशेष लाभ और प्रोत्साहन दिए जाएंगे। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का विशेष फंड तैयार किया गया है, जिससे उन्हें शुरुआती दौर में वित्तीय सहायता मिल सके। इसके अलावा, युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘उद्यम क्रांति योजना’ के तहत अनुदानयुक्त लोन की सुविधा मिलेगी, ताकि वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
नीति के तहत पहली बार एमएसएमई और बड़े उद्योगों के लिए अलग से पैकेज की घोषणा की गयी है। सेवा क्षेत्र में एमएसएमई और बड़े सेवा उद्यमों के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन दिए जायेंगे, जिनमें इंजीनियरिंग, रिसर्च एंड डेवेलपमेंट, पर्यटन और मनोरंजन शामिल हैं। जो क्षेत्र औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े हैं, वहां ज्यादा प्रोत्साहन देकर उन्हें विकसित करने की योजना है।इस नीति के अंतर्गत फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, गैर काष्ठ वनोत्पाद, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रॉनिक्स, एआई, रोबोटिक्स, सौर ऊर्जा जैसी क्षेत्रों में निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन की योजना है। इसके साथ ही विशिष्ट उत्पादन सेक्टर में 200 करोड़ से अधिक निवेश वाले पहले पांच एंकर उद्यमों को पांच प्रतिशत अधिक अनुदान दिया जायेगा। नई नीति में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के तहत, उद्यमों को प्रोत्साहन लाभ प्राप्त करने के लिए राज्य के मूल निवासियों को रोजगार देने की अनिवार्यता तय की गई है। इसके अनुसार अकुशल श्रमिक/मजदूर में उद्यमों को 100 प्रतिशत स्थायी रोजगार राज्य के मूल निवासियों को प्रदान करना होगा। कुशल श्रमिकों के मामले में कम से कम 70 प्रतिशत व प्रशासनिक/प्रबंधकीय कर्मचारी की श्रेणी में कम से कम 40 प्रतिशत राज्य के मूल निवासियों को रोजगार देना अनिवार्य होगा।
महिला उद्यमी, थर्ड जेंडर, अग्निवीर सैनिकों को अतिरिक्त छूट
नई औद्योगिक नीति में महिलाओं, निशक्तजनों व थर्ड जेंडर के आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति,  सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों और नक्सल प्रभावित व्यक्ति/परिवारों के उद्यमियों के लिए विशेष छूट दी गयी है। इन्हें सामान्य सेक्टर के उद्यमों को उपलब्ध कराए जा रहे मान्य अनुदान से 10% अतिरिक्त लाभ व एक वर्ष की अधिक छूट भी दिया गया है। इसके साथ ही विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित करने के उद्देश्य से उन्हें विशेष रियायतें प्रदान की गई हैं।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए विशेष प्रावधान
नई नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है। उनके लिए विशेष प्रावधान के तहत, 10 प्रतिशत सब्सिडी के साथ छोटे और मध्यम उद्योग स्थापित करने का प्रोत्साहन दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि यह पहल उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने और स्थायी रोजगार देने में सहायक होगी।
उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज
नई औद्योगिक नीति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स और कंप्यूटिंग (जी.पी.यू) से संबंधित उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई है। इसके तहत उद्योगों को 12 वर्षों तक राज्य जीएसटी की 100 फ़ीसदी प्रतिपूर्ति की जाएगी अथवा संबंधित परियोजनाओं में निवेश के आधार पर 50% तक अनुदान दी जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा 450 करोड़ रुपये तक हो सकती है। नई नीति में निवेशकों के लिए ब्याज अनुदान, पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, बिजली शुल्क छूट, और मूल्य संवर्धित कर की प्रतिपूर्ति जैसी वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इसके साथ ही नई नीति के अंतर्गत बंद एवं बीमार उद्योगों के पुनरुत्थान के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज का प्रावधान किया गया है।

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