Bengal Politics:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि टीएमसी नेताओं पर बीजेपी में शामिल होने का दवाब बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर टीएमसी नेता ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर कार्रवाई करने की धमकी भी दी जा रही है।पुरुलिया में चुनावी रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि ईडी, सीबीआई, एनआईए और आईटी विभाग जैसी एजेंसियां बीजेपी के हथियार के रूप में काम कर रही हैं।
Read also-दिल्ली सरकार ने किया ड्राई डे का ऐलान -जानें कब-कब बंद रहेंगी शराब की दुकानें?..
उन्होंने कहा कि टीएमसी नेताओं को परेशान करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।ममता बनर्जी भूपतिनगर में शनिवार को हुई घटना का जिक्र कर रही थीं जहां एक मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार करने गई एनआईए की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था।पुरुलिया, तामलुक, कांथी, घाटल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, बांकुरा और बिष्णुपुर में 25 मई को मतदान होगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BJP पर की टिप्पणी !
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बोलती है कि जो लोग BJP (बीजेपी) में शामिल नहीं होते है । जो लोग विरोध करते है तो बीजेपी उन्हें रोकने के लिए एनआईए ( NIA) का इस्तेमाल कर रही है। एनआईए (NIA) आधी रात को पुलिस की वर्दी पहनकर छापेमारी करने गई थी। इससे पहले, सिंगूर और नंदीग्राम में भी लोग पुलिस की वर्दी पहनकर गलत गतिविधियों में शामिल हुए थे। ? (NIA) की छापेमारी का विरोध करने वाली महिलाओं के खिलाफ एफआईआर (NIA) दर्ज की गई है। वो (एनआईए) सभी टीएमसी बूथ एजेंटों और उम्मीदवारों को गिरफ्तार कर रहे हैं और अगर कोई है भी पटाखे फोड़ेगा तो एनआईए को उसे निशाना बनाने का क्या अधिकार है?
ममता बनर्जी ने NIA कही ये बात..
मैंने सुना है कि NIA पुरुलिया के कई होटलों में जा रही है और पार्टी नेताओं के ठिकानों के बारे में पूछताछ कर रही है। एक तरफ एनआईए है और दूसरी तरफ सीबीआई है। दोनों बीजेपी के भाई हैं। दूसरी तरफ ईडी और इनकम टैक्स है जो बीजेपी के लिए जबरन वसूली का काम कर रही है। हमारे पास लक्ष्मी का भंडार है, उनके (बीजेपी) पास ईडी भंडार है। हमारे पास कृषि भंडार है, उनके पास सीबीआई भंडार है।वोे सभी को धमकी दे रहे हैं। एजेंसियां हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं से कह रही हैं कि या तो बीजेपी में शामिल हों या कार्रवाई का सामना करें। कोई बीजेपी में क्यों शामिल होगा? वो सभी पार्टी नेताओं को गिरफ्तार कर रहे हैं। क्या किसी ने देश में ऐसी स्थिति देखी है?