(आकाश शर्मा)- MANISH TEWARI CONGRESS- कोलकाता में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने एक कार्यक्रम में मणिपुर हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका मणिपुर की हरसंभव मदद करेगा। जिसकी कांग्रेस ने आलोचना की है।
एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कही थी बात
अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी कहा कि इस तरह के हिंसा में जब बच्चे मरते हैं तो आपको इसमें चिंता करने के लिए भारतीय होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। शांति कायम रखना एक मिसाल है। जरूरत पड़ने पर हम मदद के लिए तैयार हैं। हमें पता है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है और हम राज्य में शांति के लिए प्रार्थना करते है। इस क्षेत्र में शांति स्थापित होने से यहां हम कई परियोजना और निवेश ला सकते है। जब उनसे यह कहा गया कि यह भारत का आंतरिक मामला है तो उन्होंने जवाब में कहा कि अमेरिका को रणनीतिक चिंता नहीं बल्कि मानवीय चिंताएं है।
मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए अमेरिकी राजदूत की दी नसीहत
भारत के आंतरिक मुद्दो पर किसी अमेरिकी राजदूत को बोलते नहीं देखा। सार्वजनिक जीवन में कम से कम चार दशक पीछे रहने के दौरान मैंने कभी किसी अमेरिकी राजदूत को भारत के आंतरिक मामलों के बारे में इस तरह का बयान देते नहीं सुना है। हमने दशकों से पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व में चुनौतियों का सामना किया और सूझबूझ और बुद्धिमत्ता से उन पर विजय प्राप्त की। यहां तककि जब 1990 के दशक में रॉबिन सतर्क थे।
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मुझे संदेह है कि क्या नए अमेरिका-भारत संबंधों के जटिल और यातनापूर्ण इतिहास और हमारे आंतरिक मामलों में कथित या वास्तविक, नेक इरादे या दुर्भावनापूर्ण हस्तक्षेप के बारे में हमारी संवेदनशीलता से परिचित है।