(प्रदीप कुमार)-कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने आज कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रद्द हुए 3 कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश के अन्नदाता पर थोपे गये तीन काले कृषि क़ानूनों का कड़वा सच अब भारत की जनता के सामने आ गया है।दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि रिपोर्टर्स कलेक्टिव के मुताबिक बीजेपी के इकोसिस्टम से जुड़े एक एनआरआई उद्योगपति शरद मराठे ने नीति आयोग के प्रमुख राजीव कुमार को एक प्रस्ताव भेजा दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया है कि कृषि कानूनों का मकसद कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाना था
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पत्रकार मंच वेबसाइट ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ के खुलासे ने साबित कर दिया है कि तीनों कृषि कानून धनाढ्य लोगों को लाभ देने के लिये बनाये गये थे और ये बात अब स्पष्ट रूप से साबित हो रही है भाजपा सरकार न किसान की है न जवान की है ये सिर्फ धनवान की है दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार इन तीन कृषि कानूनों के फायदे समझा नहीं पाई जबकि हकीकत ये है कि इन तीन कृषि कानूनों से होने वाले भयंकर नुकसान को किसान समझ गए। एक साल से ज्यादा समय तक चले शांतिपूर्ण संघर्ष और 750 किसानों की शहादत के बाद आखिरकार इस सरकार को ये तीनों काले कानून वापस लेने ही पड़े।
Read also-क्या सुबह खाली पेट ग्रीन टी पीना सही है? जानें एक्सपर्ट की राय
इसी के साथ दीपेंद्र हुड्डा ने कई सवाल पूछे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने पूछा है कि जब दलवई कमेटी की 3000 पेज की रिपोर्ट मौज़ूद थी, तो नियमों को दरकिनार कर भाजपा सरकार ने एक गैर-विशेषज्ञ NRI उद्योगपति की बात क्यों सुनी और High Level Task Force क्यों बनाई? क्या वो किसानों के अधिकारों को कुचलने के लिए बनाई गई थी, ताकि चुनिंदा अरबपति मुनाफ़ा कमा सकें दीपेंद्र हुड्डा ने अगला सवाल पूछा कि आख़िर भाजपा सरकार को चुनिंदा पूंजीपतियों का फ़ायदा कराना इतना क्यों ज़रुरी है, जिसके चलते उन्होंने देश की पूरी खाद्य व्यवस्था और कृषि सेक्टर को तार-तार करने की साज़िश रची अगला सवाल पूछते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश का जो अन्नदाता 140 करोड़ भारतीय नागरिकों का पेट भरता है उसके साथ सरकार ऐसा शत्रुतापूर्ण व्यवहार क्यों कर रही है?
दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलवाने वाली भाजपा सरकार ने किसानों को Cost+50% MSP नहीं दिया,शहीद 750 किसानों को कोई मुआवज़ा भी नहीं दिया दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया है कि किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज केस भी वापस नहीं हुए अब इन सबकी वजह देश जान चुका है सिर्फ़ इसीलिए क्योंकि उनकी पूरी साज़िश किसान विरोधी मानसिकता से ग्रसित है।