कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को जयपुर में राजस्थान विधानसभा के बाहर धरना दिया, क्योंकि उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। सचिन पायलट ने कहा कि सरकार ने इंदिरा गांधी के खिलाफ बयान को अब तक नहीं हटाया है। उन्होंने कहा कि जिस महिला ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और अपने पद पर रहते हुए 32 गोलियां खाईं, उसका अपमान करने का अधिकार किसी को भी नहीं है।
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पायलट ने कहा कि बयान को न हटाने से पता चलता है कि सरकार सदन की कार्यवाही में बाधा डालना चाहती है। वहीं पूर्व CM अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार को ये समझना चाहिए कि विपक्ष धरने पर क्यों बैठा है और उन्हें समाधान निकालना चाहिए। निलंबित नेताओं में शामिल विपक्ष के नेता टीका राम जूली ने सत्ता पक्ष पर विपक्ष के बिना सदन चलाने का आरोप लगाया।
राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर पिछले शुक्रवार से सदन में गतिरोध जारी है। मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’ इस टिप्पणी के कारण सदन में भारी हंगामा हुआ था, और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
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हंगामे के कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार सहित छह कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। सदन की बैठक स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने मंत्री से माफी मांगने और निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए विधानसभा में धरना शुरू कर दिया था।
