संसद में प्रियंका गांधी ने आज पहली बार भाषण दिया। वायनाड से उपचुनाव जीतकर संसद पहुंची प्रियंका गांधी ने लोकसभा में संविधान चर्चा में हिस्सा लिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान हमारे देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच है जिसे आज तोड़ने की कोशिश हो रही है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि आज का राजा भेष बदलता है, पर आलोचना नहीं सुनता।
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प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारा देश भारत हजारों साल पुरानी संवाद और चर्चा की परंपरा वाला देश है।हमारी संस्कृति में वाद-विवाद और संवाद की गहरी जड़ें हैं।प्रियंका गांधी ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई से जनता की एक आवाज बनकर उभरी, वो ही आवाज हमारा देश का संविधान है।
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए एक कहानी भी सुनाई। प्रियंका गांधी ने कहा कि एक राजा था जो भेष बदलकर जनता के बीच जाता था ताकि जान सके कि जनता क्या चाहती है, क्या कहती है। आज का राजा भेष बदलता है, पर आलोचना नहीं सुनता।
प्रियंका ने कहा कि संविधान केवल दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह न्याय, अभिव्यक्ति और आकांक्षाओं की ज्योति है। प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि अतीत में क्या हुआ,नेहरू ने क्या किया यह छोड़कर बताइए कि आपने भविष्य में क्या किया है।प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार अतीत पर चर्चा करती है,लेकिन वर्तमान की जिम्मेदारियों से बचती है। अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने कहा कि आज संसद में बैठी सरकार बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही जनता को क्या राहत दे रही है।कृषि कानून भी उद्योगपतियों के लिए बन रहे हैं। वायनाड से लेकर ललितपुर तक इस देश का किसान रो रहा है।
संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान हमारे देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण करता है। लेकिन सत्ताधारी दल ने पिछले 10 वर्षों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया है।
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उन्होंने अडानी के बहाने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ये सरकार आर्थिक न्याय का सुरक्षा कवच तोड़ रही है। आज देश के सभी संसाधनों पर एक व्यक्ति विशेष का कब्जा है। अपने भाषण के दौरान प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। अगर चुनाव के नतीजे कुछ अलग होते तो शायद संविधान बदलने का काम भी शुरू हो जाता लेकिन जनता ने इसे रोक दिया।
प्रियंका गांधी ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया।प्रियंका गांधी ने कहा कि विपक्ष की ओर से लगातार इस मांग को उठाया गया, लेकिन सत्तापक्ष ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।महिला आरक्षण बिल पर सवाल उठाते हुए प्रियंका गांधी ने पूछा कि इसे लागू करने में इतना समय क्यों लगेगा। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश की जनता कायर नहीं है और उचित समय पर जवाब देना जानती है।
