Wayanad: केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन ने देश ही नहीं, पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। भूस्खलन से अब तक तक 250 से ज्यादा लाशें मलबे से निकाली जा चुकी हैं। अब भी 300 से ज्यादा लोग लापता हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है।कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम से राहत सामग्री की खेप के साथ वायनाड में भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला का दौरा किया।
पीटीआई से रेस्क्यू ऑपरेशन की तारीफ करते हुए शशि थरूर ने कहा, “रेस्क्यू ऑपरेशन अच्छा चल रहा है, वे अच्छा काम कर रहे हैं। बेली ब्रिज तो महज 35 घंटे में बनकर तैयार हो गया है। आर्मी, पैरामिलिट्री के साथ हर कोई अच्छा काम कर रहा है।
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मानवीय सहायता का सामान लेकर तिरुवनंतपुरम आया हूं – कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मैं खुद मानवीय सहायता का सामान लेकर तिरुवनंतपुरम आया हूं। मैं बस इतना कह सकता हूं कि हमें लोगों की मदद करने की जरूरत है और वो हमें मिल रही है। जो बच गए हैं वे भी दूसरों की मदद में जुट गए हैं इतना सब होने के बाद भी मलबे में फंसे लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं। हमने पहले ही 300 लोगों को खो दिया है और 200 से अधिक लोग लापता हैं, मुझे डर है कि ये खबर केरल की सबसे भीषण आपदा बना देगी।”
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भूस्खलन से हुई तबाही- उत्तरी केरल के वायनाड जिले के भूस्खलन वाले इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन के पांचवें दिन राहतकर्मियों ने मलबे से और अधिक शवों को निकाला। वहीं 206 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।भूस्खलन के कारण आए बड़े-बड़े पत्थर गिरे, जिसके कारण मुंडक्कई और चूरलमाला के इलाकों में कई इलाके मलबे में दब गए है, जिससे बचाव कार्य में परेशानी हो रही है।डिफेंस पीआरओ ने शनिवार को कहा कि भूस्खलन से तबाह गांवों में मलबे के नीचे फंसे लोगों का पता लगाने के लिए खोजी रडार लगाए जाएंगे।