छत्तीसगढ़/दंतेवाड़ा(नीरज शिवहरे): दंतेवाड़ा जिले में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू(घर वापसी)अभियान एक बार फिर से समर्पण को लेकर कठघरे में खड़ा है, क्योंकि इस अभियान के तहत हुए सरेंडर को फर्जी बताते हुए ग्रामीणों ने पुलिस थाना भांसी के सामने चक्का जाम कर थाना प्रभारी को हटाने की मांग उठाई। दरअसल, मंगलवार शाम को पुलिस ने भांसी थाने में आयती कुंजाम और कमलू कुंजाम नाम के 2 नक्सलियों का सरेंडर बताया था। ग्रामीणों का कहना है कि आयती तेलाम नक्सली नहीं है। वह अपने घर में रहती है, नक्सलियों से उसका दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। पुलिस यहां कुछ भी करती है।
भांसी पंचायत के आस-पास की पंचायतों के लोगों से भी आयती की माओवाद सलिंप्पता पर लोगों से चर्चा की गई। गांव के लोगों ने साफ़ इंकार किया है। पुलिस ने उसे नक्सली बताया और समर्पण करवा दिया। पुलिस अधिकारी समर्पण और गिरफ्तारी दिखा कर अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है। इस समर्पण के विरोध में बुधवार को ग्रामीणों ने थाना का घेराव कर दिया है। इतना ही नहीं स्टेट हाईवे पर बैठ कर दो घंटे तक पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का आक्रोश थाना प्रभारी के प्रति कुछ ज्यादा ही था।
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फर्जी समर्पण की इस कहानी को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्रामीण पत्रकारों पर भी भड़क गए। उनका कहना है कि समर्पण, गिरफ्तारी और मुठभेड़ पर पड़ताल ही नहीं की जाती है। इसलिए पुलिस कुछ भी कर रही है। इधर, पुलिस अधिकारियों को जैसे ही इस खबर का पता चला मौके पर पहुंची। एएसपी जयसवाल दल-बल के साथ पहुंचे। ग्रमाीणों से बातचीत कर मामले का सुलझाया। करीब दो घंटे बाद सड़क से ग्रामीणों को हटाया। थाना प्रभारी को हटाने को लेकर ग्रामीण जिद पर थे। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद उचित कार्रवाई तय होगी। इधर दंतेवाड़ा पुलिस इस लोन वर्राटू अभियान में अबतक 128 ईनामी नक्सली सहित कुल 531 नक्सलियों का रिकार्ड समर्पण करवा चुकी है।