(प्रदीप कुमार): रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में सीएसआर कॉन्क्लेव के दौरान सशस्त्र सेना ध्वज दिवस कोष में उदारता से योगदान की अपील की। रक्षामंत्री ने कहा राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सैनिकों का कल्याण, केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए, यह सभी का कर्तव्य होना चाहिए
उन्होंने सशस्त्र सेना ध्वज दिवस कोष में दिल खोलकर योगदान देने की अपील करते हुए इसे सैनिकों और उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करने की प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी बताया है। आज नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित सशस्त्र सेना ध्वज दिवस सीएसआर सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने सेवानिवृत्त और सेवारत सशस्त्र बलों के कार्मिकों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनकी वीरता और बलिदान ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, “आजादी के बाद से, चाहे युद्ध जीतना हो या सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों से निपटना हो, हमारे सैनिकों ने साहस और तत्परता के साथ सभी चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस कार्य में, उनमें से कई ने सर्वोच्च बलिदान दिया और कई शारीरिक रूप से अक्षम हो गए। उनके परिवार की पूरी जिम्मेदारी उन पर है। इसलिए, यह हमारी मौलिक जिम्मेदारी है कि हम आगे आएं और हर संभव तरीके से हमारे सैनिकों और उनके परिवारों का समर्थन करें। यह हमारे वीर सैनिकों के कारण है, जो सीमाओं पर हमेशा सतर्क रहते हैं, हम शांति से सोते हैं और बिना किसी डर के अपना जीवन जीते हैं।”
देश के वीर सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस दिशा में कई पहल की गई हैं। इन पहलों में ‘भारत के वीर’ पोर्टल शामिल है, जिसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों और जवानों के कल्याण के लिए राजनाथ सिंह के गृह मंत्री रहते हुए लॉन्च किया गया था। हाल ही में रक्षा मंत्री द्वारा सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में योगदान के लिए ‘मां भारती के सपूत’ www.maabharatikesapoot.mod.gov.in वेबसाइट शुरू की गई है।
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि “हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सैनिकों का कल्याण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह सभी का कर्तव्य होना चाहिए”। रक्षामंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जिस देश में राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत नहीं है, वहां उद्योग और व्यवसाय कभी नहीं पनप सकते। पिछले कुछ वर्षों में बड़े कॉर्पोरेट योगदानकर्ताओं के समर्थन की सराहना करते हुए, जिसके कारण कोष में पर्याप्त वृद्धि हुई है, उन्होंने सभी को सैनिकों और बड़े पैमाने पर राष्ट्र की भलाई के लिए और भी अधिक योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम में शीर्ष कॉर्पोरेट प्रमुखों की उपस्थिति के साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने 2014 में सत्ता में आते ही निजी क्षेत्र की शक्ति और देश की प्रगति में उनकी भूमिका को मान्यता दी, यह कहते हुए कि रक्षा क्षेत्र, जिसे हमेशा निजी कंपनियों के लिए अछूता माना जाता था, अब उनका स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।रक्षामंत्री ने निजी क्षेत्र से हर वर्ष युवा आयु में सेवानिवृत्त होने वाले लगभग 60,000 सैनिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि ये अनुशासित पूर्व सैनिक सबसे जटिल तकनीक को समझने और कुशलता से इसका उपयोग करने में सक्षम हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक कल्याण विभाग पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार सुनिश्चित करने का कार्य करता है और उद्योग जगत इस दिशा में विशेष योगदान दे सकता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, “सरकार पूर्व सैनिकों को एक दायित्व के रूप में नहीं मानती है, लेकिन हम उन्हें मूल्यवान परिसंपत्ति के रूप में देखते हैं, जो न केवल अनुशासित हैं और समाज के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि एक कार्यबल के रूप में भी समान रूप से प्रभावी हैं। उन्हें शामिल करके, निजी कंपनियां अपनी उत्पादकता बढ़ा सकती हैं और इन पूर्व सैनिकों को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद कर सकती हैं।”
Read also: वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक के नए आकड़ों पर मची हलचल, सीएम केजरीवाल ने केंद्र पर साधा जमकर निशाना
इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने सशस्त्र सेना ध्वज दिवस कोष के लिए एक नई वेबसाइट (www.affdf.gov.in) लॉन्च की। पोर्टल एक इंटरऐक्टिव और उपयोगकर्ता के अनुकूल पोर्टल है जिसे कोष में ऑनलाइन योगदान को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है। रक्षामंत्री ने सशस्त्र सेना ध्वज दिवस के लिए इस वर्ष के प्रचार अभियान हेतु समूहगान भी जारी किया। रक्षामंत्री ने इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड, मदर डेयरी, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई फाउन्डेशन, एलआईसी गोल्डन जुबली फाउन्डेशन और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड आदि कोष में प्रमुख सीएसआर योगदानकर्ताओं को भी सम्मानित किया।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव गिरिधर अरमने, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) विजय कुमार सिंह, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सीएसआर के सदस्य, सशस्त्र बल के सेवारत और सेवानिवृत्त कार्मिक इस सम्मेलन में मौजूद रहे।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter.
