सीबीआई ने मामले में केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए उन्हें आबकारी घोटाले का ‘सूत्रधार’ बताया और कहा कि अगर उन्हें रिहा किया जाता है तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।सीबीआई की ओर से पेश अधिवक्ता डी.पी. सिंह ने कहा ‘‘उनकी गिरफ्तारी के बगैर जांच पूरी नहीं की जा सकती थी। हमने एक महीने के अंदर आरोप पत्र दायर किया।’’
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इससे पहले दिन में सीबीआई ने मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक समेत पांच अन्य के खिलाफ निचली अदालत में अपना अंतिम आरोपपत्र दाखिल किया।केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें जेल में ही रखने के मकसद से ये गिरफ्तारी की गई थी।उन्होंने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है और जांच एजेंसी ने उन्हें अनुमानों और कल्पनाओं के आधार पर गिरफ्तार किया था।सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था जब वो ईडी के दर्ज धनशोधन मामले में न्यायिक हिरासत में थे