पेड़ कटने पर वन विभाग को मिला नोटिस, 11 जुलाई तक देना होगा जवाब

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Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अदालत अवमानना का नोटिस भेजा है ऐसा इसलिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (NCR) के रिज इलाके में पेड़ काटे गए और जड़ों सहित कई वृक्ष गिर गए हैं। सरकार को 11 जुलाई तक उत्तर देने को कोर्ट ने कहा है। बुधवार 26 जून को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग के प्रधान सचिव को दिल्ली रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ों की कथित कटाई के लिए अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को पेड़ों की कटाई का दोषी ठहराया है। सरकार को डीडीए अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया है जो पेड़ों की कटाई करने का आदेश देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को दिल्ली रिज क्षेत्र में गिरी लकड़ी और सूखे पत्ते, टहनी और जड़ों का स्थान निर्धारित करने का भी आदेश दिया। दिल्ली सरकार के वृक्ष अधिकारी लकड़ी एकत्र करेंगे। 11 जुलाई तक वन अधिकारी इस पर रिपोर्ट देंगे।


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को बताने को कहा है कि डीडीए ने पेड़ों की कटाई के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है। कोर्ट ने कहा कि 1994 के अधिनियम का उल्लंघन करके रिज क्षेत्र में पेड़ लगाया गया था। दिल्ली सरकार को पेड़ों की कटाई में गंभीर अनियमितताओं का विवरण देना होगा। दिल्ली सरकार को इस बात की जानकारी होने के बावजूद, डीडीए ने कड़े नियमों का उल्लंघन किया क्यों नहीं किया?

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बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, वन विभाग, ट्री अथॉरिटी, एमसीडी और डीडीए को भी नोटिस भेजा ताकि दिल्ली में ग्रीन कवर को बढ़ाया जा सके। अदालत ने कहा कि इन सभी अधिकारियों को वन विभाग के सचिव ने नियुक्त एक्सपर्ट कमेटी की उपस्थिति में इसके व्यापक उपायों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक में बुलाया जाएगा। 12 जुलाई तक न्यायालय ने पूरे मामले का विवरण मांगा है।

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