(अवैस उस्मानी)Air pollution:दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने पर चिंता जताई। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक के बढ़ते स्तर पर दिल्ली सरकार के वन विभाग को फटकार लगाई। दिल्ली हाई कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर दिल्ली सरकार के वन विभाग को फटकार लगाई। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा क्या आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें? दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के नागरिक आज वायु प्रदूषण के कारण जिस गंदगी में हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इशारा किया कि अगली तारीख पर वन अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस की कार्रवाई करने पर विचार करेगा। दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
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पेड़ो की कटाई के मामले मेंपिछले साल अप्रैल में पारित हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट की जज जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने सुनवाई किया। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वन अधिकारियों में संवेदनशीलता की कमी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा न्यायालय विकास के रास्ते में नहीं आ रहा है, लेकिन विकास को प्रकृति और विरासत के साथ सह-अस्तित्व में होना चाहिए। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसी मशीनें हैं जो हवा की गुणवत्ता रिकॉर्ड करती हैं , एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिकतम 999 रिकॉर्ड कर सकती हैं। आज, हम इसे छू रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वन विभाग और उसके अधिकारियों का रैवया लापरवाही भरा है जिसके कारण शहर में वायु प्रदूषण बढ़ गया है और AQI खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है ।दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार क्व वन विभाग को फटकार लगाते हुए कहाअधिकारी एक लाइन का आदेश देकर पेड़ों की कटाई की अनुमति दे देते हैं और ऐसे निर्देशों के लिए कोई कारण नहीं बताते हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कि अधिकारियों को विस्तृत आदेश पारित करना होगा, बावजूद इसके गैर-तर्कसंगत आदेश पारित किए जा रहे हैं और पेड़ काटे जा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि वह विकास के खिलाफ नहीं है लेकिन विकास का प्रकृति और विरासत के साथ सामंजस्य होना चाहिए। विकास का प्रकृति और विरासत के साथ सामंजस्य हो, हम विकास के आड़े नहीं आ रहे हैं।दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रैफिक जाम है तो सड़कें चौड़ी करनी होंगी लेकिन, ऐसा नहीं हो सकता कि आप इसके आसपास के 50 पेड़ काट देंगे। अगर कोई रास्ता नहीं है तो ही आगे बढ़ना चाहिए, पेड़ों को काटा नहीं जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आपको एक रास्ता खोजना होगा, कालोनियाँ बिना पेड़ के कैसे हो सकती हैं?
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