अमन पांडेय :एक बार शराब फिर से चर्चा में आ गई है। लेकिन इस बार शराब की चर्चा की वजह दूसरी है।इस बार शराब, घोटाले और उस घोटाले में आरोपी दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के कारण चर्चा में है।शराब घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को मैराथन पूछताछ के बाद सीबीआई ने रविवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया।
आम आदमी पार्टी और उसके नेता जिस तरह से मनीष सिसोदिया के पीछे तनकर खड़े नजर आ रहे हैं, संकेत साफ हैं कि दिल्ली और पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और उसके नेता जिस तरह से मनीष सिसोदिया के पीछे तनकर खड़े नजर आ रहे हैं, संकेत साफ हैं कि दिल्ली और पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी इस बार आर या पार के मूड में है।
आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, बीजेपी मुख्यालय के बाहर, यूपी के हर जिले में और देशभर में प्रदर्शन का ऐलान कर दिया गया है, उससे साफ है कि दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी दिल्ली के घटनाक्रम को देशभर में कैश कराने का पुरजोर प्रयास करेगी।
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वहीं अरविंद केजरीवाल की पार्टी को टीएमसी का भी साथ मिल गया है। विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते र केंद्र को घेरते रहे विपक्ष को सिसोदिया की गिरफ्तारी ने सरकार को घेरने का, बीजेपी पर हमला बोलने का एक और मौका दे दिया है और अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा को और हवा भी।
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क्या 2024 के चुनाव पर पड़ेगा असर?
आम आदमी पार्टी सियासी गलियारों में विपक्षी दलों के भी निशाने पर रही है। आम आदमी पार्टी पर बीजेपी की बी टीम होने के आरोप लगते रहे हैं गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी का खाता भले ही नहीं खुल पाया लेकिन पार्टी ने कई सीटों पर कांग्रेस का खेल खराब किया। सियासत के जानकारों की मानें तो सत्येंद्र जैन के बाद अब मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को सहानुभूति मिल सकती है जो उसे मजबूत कर सकती है।