दिल्ली शराब नीति: जमानत जान से बढ़कर नहीं होती है- कोर्ट की टिप्पणी

(अवैस उस्मानी )-Delhi Liquor Policy- दिल्ली आबकारी नीति से जुड़ा मनी लांड्रिंग का मामले में सुनवाई के दौरान राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने टिप्पणी किया कि जो वाजिब हो वही इलाज लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि जमानत जान से बढ़कर नहीं होती है, गैर जरूरी दवा लेने से उसका साइडइफेक्ट पड़ता है। मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों को ज़रूरी दस्तावेज़ देने का निर्देश दिया। राउज़ एवेन्यु कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी..Delhi Liquor Policy
दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में दिल्ली की राउज़ एवेन्यु कोर्ट के स्पेशल जज MK नागपाल की अदालत में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अदालत में पेश हुए। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि आरोपी अमित अरोड़ा किस जेल में हैं, अमित अरोड़ा के वकील ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार RML अस्पताल में भर्ती है। मामले की सुनवाई के दौरान कई आरोपियों की तरफ से कुछ दवा खाने की इजाज़त देने की मांग की गई।

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जिसपर राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले में आरोपियों के इलाज पर टिप्पणी किया कि जो वाजिब हो वही इलाज लिया जाए, जमानत जान से बढ़कर नहीं होती है, गैर जरूरी दवा लेने से उसका साइडइफेक्ट पड़ता है। दरअसल राउज़ एवेन्यु कोर्ट आबकारी नीति मामले में जांच एजेंसी ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेकर आरोप तय करने पर सुनवाई कर रही है। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल मनीष सिसोदिया शराब नीति से जुड़े मामले में जेल में बंद हैं। मनीष सिसोदिया की ज़मानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

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