Digitalization: आजकल मोबाइल फोन और सोशल मीडिया लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। छोटी उम्र से ही बच्चे का मोबाइल फोन इस्तेमाल करना और ऐप्स डाउनलोड कर उसका इस्तेमाल करना अब पैरेंट्स को मुश्किल में डाल रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। दरअसल, इसी पर एक सर्वे हुआ है और बच्चों के माता-पिता से पूछने पर ये जवाब मिला है कि सभी ऐप्स को बच्चे के लिए बंद किया जाए। अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे पॉसिबल है, कैसे पता चलेगा की वो ऐप कोई बच्चा इस्तेमाल कर रहा है, ऐप्स को डाउनलोड करते समय को उसमें उम्र भी पूछी जाती है…. तो आपको बता दें कि पैरेंट्स ने इसी को लेकर शिकायत की है कि बच्चे किसी भी ऐप्स को डाउनलोड करते समय अपनी उम्र गलत डालकर आगे बढ़ जाते हैं, जो बिल्कुल गलत है…
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बता दें, पैरेंट्स ने इसके लिए ये मांग की है कि कोई भी ऐप डाइनलोड करते समय माता-पिता की परमिशन जरुरी होनी चाहिए और अगर माता-पिता का परमिशन नहीं मिलती है तो उस ऐप को बंद कर देना चाहिए। सर्वे में लगभग 70% माता-पिता मानते हैं कि बच्चों के लिए ऐप्स पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। इसके अलावा, 60% माता-पिता मानते हैं कि ऐप्स के कारण बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
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ऐप्स के नकारात्मक प्रभाव- ऐप्स के कारण बच्चों पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे- बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, ज्यादा फोन के इस्तेमाल या ऐप्स पर ज्यादा वक्त बिताने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा बच्चों की सामाजिक क्षमताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के साथ ही उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।