(प्रियांशी श्रीवास्तव): आज एक ऐसा अनोखा मामला हम आपको बताने जा रहे है जिसे आप भी सुन सोच मे पड़ जाएंगे। अभी तक आपने किसी भी बच्चे के नामकरण पर पार्टी- शार्टी का महौल , बैंड बाजे का शोर सुना होगा लेकिन यहां मामला कुछ और बेहद ही दिलचस्प है। बता दें कि महाराष्ट्र में चंद्रपुर के ब्रम्हपुरी तहसील के गांव में एक कुत्ते के बच्चे का नामकरण पुरे धूम-धाम से गाजे -बाजे के साथ महाराष्ट्रियन रिति- रिवाज के साथ मनाया । है न हैरान करने वाली बात? हां ये सच है।
ये कहानी नही हकीकत है जो इतनी दिलचस्प है कि हर किसी के दिल को छू ले रही है एक कुत्ते के प्रति लोगों का प्यार किसी के लिए मानवता का मिशाल बन गया है। दरअसल पिछले 5 सालों से गांव में एक कुतिया रहती है, उसके सीधे स्वभाव के कारण वो गांव में सबकी प्यारी हो गई। मोहल्ले के सभी घरों से उसे खाने को दिया जाता था, हाल ही में इस कुतिया ने बच्चों को जन्म दिया तो गांव वालों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव में रहने वाली अनुसया सहारे ने इस बच्चे की देखभाल करने का जिम्मा लिया और गांव के रविंद्र प्रधान और मनोज सहारे ने अपने खर्चे पर कुत्ते के बच्चे का नामकरण विधि करने का फैसला लिया।
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महाराष्ट्र में चंद्रपुर के ब्रम्हपुरी तहसील के गांव में रिति रिवाज के साथ कुत्ते का नाम रखा गया। बता दें कि कुत्ते का नाम मोती और दूसरे का खंडोबा रखा गया। नामकरण को देखने पूरा गांव पंहुचा था। महिलायें नामकरण विधि में गाये जाने वाले पारंपरिक गीत गा रही थीं। तो गांव के पुरुष इंतजाम में लगे हुए थे। बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ नामकरण विधि का कार्यक्रम पूरा हुआ।
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