DU EX Professor Saibaba- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा (DU EX Professor Saibaba) को माओवादियों से संबंध के मामले में बरी करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की महाराष्ट्र सरकार की याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश तर्कसंगत है। लेकिन, कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए सहमति जताई।
पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू के याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के मौखिक अनुरोध को भी खारिज कर दिया और कहा कि इस पर सही समय पर सुनवाई की जाएगी।बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने पांच मार्च को साईबाबा को बरी कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने में असफल रहा।
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अदालत ने साईबाबा को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था।शारीरिक असमर्थता की वजह से व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले साईबाबा 2014 में इस मामले में गिरफ्तारी के बाद से नागपुर केंद्रीय कारागार में बंद थे।मार्च 2017 में, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने कथित माओवादी संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साईबाबा, एक पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित पांच लोगों को दोषी ठहराया था।
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