कमजोर नेतृत्व की वजह से 1962 में हमें चीन से अपमानजनक हार मिली- राजीव चंद्रशेखर

Rajeev Chandrashekhar– केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने  1962 में भारत-चीन युद्ध में सैनिकों की शहादत के लिए उस समय की नेहरू सरकार के कमजोर नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमें उस कमजोर, अनुभवहीन और अक्षम नेतृत्व को कभी नहीं भूलना चाहिए जिसे चीन ने अपने जाल में फंसा लिया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कई राजनैतिक नेताओं की चेतावनियों को नजरअंदाज किया था।

चंद्रशेखर ने कहा, “सरदार पटेल, राम मनोहर लोहिया जी सहित कई नेताओं ने नेहरू सरकार को खतरे के बारे में चेतावनी दी थी। सरदार पटेल ने एक पत्र भी लिखा था लेकिन चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया गया था।” चीन के साथ 1962 की जंग को “अपमानजनक हार” बताते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “कोई भी समझदार या किसी भी विचारशील सरकार ने इन सूचनाओं पर ध्यान दिया होता, हमारे सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और खतरों के खिलाफ खुद को तैयार किया होता। इसके बजाय 1962 में जो हुआ वो अपमानजनक हार थी।

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राजीव चंद्रशेखर, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 61 साल पहले ये संघर्ष हुआ था और हमारे हजारों बहादुर शहीद हुए थे। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया था। आज मेरा संदेश है कि हमें उस संघर्ष को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि ये कमजोर नेतृत्व था।राजनैतिक नेतृत्व अनुभवहीन और अक्षम था, जिसे चीन ने जाल में फंसा दिया। सरदार पटेल, राम मनोहर लोहिया जी सहित कई नेताओं ने नेहरू सरकार को खतरे के बारे में चेतावनी दी थी। सरदार पटेल ने एक पत्र भी लिखा था। लेकिन चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया गया था।कोई भी समझदार या किसी भी विचारशील सरकार ने इन सूचनाओं पर ध्यान दिया होता और हमारे सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण किया होता, खतरों के खिलाफ खुद को तैयार किया होता। इसके बजाय 1962 में जो हुआ वो अपमानजनक हार थी।

pti

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