अम्बाला (कृष्ण बाली)। आर्थिक मंदी की हालत में सब्जियाँ लोगों की पहुँच से दूर होती जा रही है। देश भर में सब्जियों के दाम आसमान छूते जा रहे है। पहले के मुकाबले सब्जियों से दाम दोगुने से भी ज्यादा हो गए है, जिस वजह से लोगों की रसोई का बजट बिगड़ रहा है, और सब्जियों के दाम बढ़ने का असर हर वर्ग पर होता हुआ नजर आ रहा है। Haryana News Today Hindi,
बरसात के मौसम में सब्जियों की पैदावार कम होने का सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ता है। इस बार भी आलू प्याज से लेकर सभी हरी सब्जियां महंगी हो गई है। आलू, प्याज, टमाटर और हरी मिर्च 30 रुपये किलो तो कोई भी हरी सब्जी 40 रुपये किलो से कम नहीं बिक रही है। वही अब सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी होने पर किचन का जायका भी फीका पड़ने लगा है। इस समय में मंडी में आलू 20 रुपये किलो, प्याज 25 रुपये से 30 रुपये किलो, टमाटर 30 रुपये किलो, हरी मिर्च 30 रुपये किलो, भिंडी 30 रुपये किलो, मटर 100 रुपये किलो, अदरक 120 रुपये किलो, गोभी 60 रुपये किलो, घिया 40 रुपये किलो, लहसुन 80 रुपये किलो, शिमला मिर्च 80 रुपये किलो, धनिया 100 रुपये रुपए किलो बिक रहा है। Haryana News Today Hindi,
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वहीं खाने के साथ सलाद खाने के शौकीन लोगों को अब टमाटर और चुकंदर के साथ खीरा खाना महंगा पड़ रहा है खीरे का दाम 40 रुपये किलो बना है। पहले ग्राहक जहां किलो में सब्जियां खरीदता था वहीं अब पाइया और आधा किलो खरीद रहा है। मंडी में सब्जी खरीदने आए लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना था कि मंडी में सब्जियां बहुत महंगी है और गली मोहल्ले में सब्जी बेचने वालों ने तो रेटों में आग लगा रखी है, इसी वजह से आज हम सब्जी लेने मंडी आए हैं। जहां हम पहले किलो 2 किलो सब्जियां लिया करते थे वहीं अब सब्जियां महंगी होने के कारण आधा किलो में ही गुजारा करना पड़ रहा है। सब्जियों के दाम महंगी होने की वजह से घरों की रसोइयों का बजट बिगड़ गया है। Haryana News Today Hindi,
सब्जियों की बढ़ी कीमतों के बारे में जब सब्जी मंडी के आढ़ती सुरेंद्र बिंद्रा से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है जिसका मुख्य कारण समय से माल का मंडी ना आना है और बारिश है। हफ्ते भर में अगर स्थिति सामान्य हो जाएगी तो सब्जियों की कीमतें फिर कम हो जाएंगे।