Kerala News: केरल सरकार ने मंगलवार को कहा कि वो केंद्र द्वारा अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के तहत कथित रूप से रोके गए 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड को लेने के लिए कानूनी और विरोध दोनों ही तरीकों का इस्तेमाल करेगी।केरल का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पीएम श्री योजना पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जिसकी वजह से केंद्र सरकार ने अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के तहत 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि रोक दिया है।राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि केरल तमिलनाडु के साथ मिलकर अपने हिस्से के लिए दबाव बनाएगा।
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उन्होंने केंद्र सरकार पर भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया।शिवनकुट्टी ने पीटीआई वीडियो से कहा, “मैं पहले ही दो बार तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री से बात कर चुका हूं और अगले हफ्ते उनसे मिलूंगा।”मंत्री शिवनकुट्टी ने तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि राज्यों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।इस फैसले ने केरल के लिए अपने वित्तीय अधिकार से वंचित किए जाने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का रास्ता खोल दिया है।
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शिवनकुट्टी ने कहा, “मैंने दो मौकों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर चर्चा की थी और केंद्र को पत्र लिखकर राज्य को बकाया धनराशि जारी करने का अनुरोध भी किया है।”उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने हमारे समग्र शिक्षा केरल (एसएसके) फंड को भी इसी आधार पर रोक दिया है। केंद्र ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है और अब हमारे पास कानूनी उपाय करने और विरोध-प्रदर्शन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।