(प्रणय शर्मा): दिल्ली नगर निगम में मेयर का चुनाव भले ही अभी तक ना हो पाए हों। लेकिन अब चुने हुए पार्षदों को जल्दी अपनी संपत्ति का ब्योरा निगम सचिव को कराना है। हालांकि यह बेवर को दिया जाता था। लेकिन उनके चुनाव ना होने के कारण अब यह प्रक्रिया निगम सचिव के द्वारा पूरी की जाएगी। दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे आए हुए करीब 2 महीने बीत चुके हैं। लेकिन दिल्ली को अभी तक एमसीडी का नया मेयर नहीं मिला है। मेयर के चुनाव के लिए तीन बैठक हो चुकी हैं, जिसमें ना तो मेयर और ना ही डिप्टी मेयर का चुनाव अभी तक किया गया है।
हालांकि चुने हुए पार्षदों की शपथ हो चुकी है। लेकिन मेयर पद का चुनाव नहीं हुआ है। वहीं अगली बैठक जो कि 16 फरवरी को होनी थी जिसमें मेयर का चुनाव किया जाना था उसे भी टाल दिया गया है। क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई होगी।
वहीं एमसीडी एक्ट के मुताबिक दिल्ली नगर निगम में चुने हुए पार्षदों के शपथ लिए जाने के बाद उन्हें 1 महीने के भीतर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना होता है और यदि वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाती है। एमसीडी की हुई तीन बैठकों में चुने हुए पार्षदों की शपथ हो चुकी है। जिसके बाद पार्षदों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना है। जिसमें केवल 13 दिन ही बचे हैं। अब इसको लेकर एमसीडी ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद निगम के सदन की बैठक 24 जनवरी को हुई थी यह दूसरी बैठक थी। जिसमें कि चुने हुए सभी पार्षदों को शपथ दिलाई गई थी। लेकिन एमसीडी एक्ट के मुताबिक अभी तक इन पार्षदों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है और इसकी 1 महीने की डेडलाइन पूरी होने में कुछ ही दिन बचे हुए हैं। एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक पार्षदों की संपत्ति का ब्यौरा जमा कराए जाने को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है, जिसके मुताबिक 24 फरवरी तक का समय है जब पार्षद इस नियम को पूरा कर सकते हैं।
Read also: बीजेपी के नेता विजय गोयल ने आज जंतर मंतर पर दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दिया धरना
बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर अभी तक फंसा हुआ है। चुनाव हुए 2 महीने बीत चुके हैं और मेयर के चुनाव के लिए तीन बैठक में भी हो चुकी है। लेकिन तीनों बैठकों में मेयर का चुनाव नहीं हो सका है और अगली बैठक 16 फरवरी को होनी थी लेकिन इससे पहले ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और अब 17 फरवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।