Arif Khan Governer– केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को कहा कि निर्वाचित सरकार का मतलब ये नहीं है कि वो संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करे।आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य विधानमंडल में पारित कुछ बिलों को मंजूरी न देनेे पर सुप्रीम कोर्ट जाने के केरल सरकार के फैसले पर ये कहा।..Arif Khan Governer
उन्होंने कहा, “सरकार एक विधेयक पारित करती है जिसमें हर विश्वविद्यालय के लिए कुलपति की नियुक्ति का प्रावधान है। विश्वविद्यालय को राज्य और केंद्र सरकार से पैसा मिलता है। वो विधेयक धन विधेयक बन जाता है और उसे राज्यपाल की पूर्व मंजूरी के बाद ही सदन के सामने रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को कोई भ्रम है तो वो सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।..Arif Khan Governer
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आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, केरल “मैं एक साधारण प्रश्न पूछ रहा हूं। सरकार एक विधेयक पारित करती है जिसमें हर विश्वविद्यालय के लिए कुलपति की नियुक्ति का प्रावधान है, क्या वहां कुछ खर्च होगा या नहीं?कोई भी विधेयक जिसमें खर्चे का प्रावधान है, उन्होंने इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय पर डाल दी है। विश्वविद्यालय को अपना पैसा राज्य और केंद्र सरकार से मिलता है। वो विधेयक धन विधेयक बन जाता है और उसे राज्यपाल की पूर्व मंजूरी के बाद ही सदन के सामनेे रखा जा सकता है। निर्वाचित सरकार का मतलब ये नहीं है कि आप संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करें। इसका मतलब ये भी नहीं है कि आप संवैधानिक परंपराओं का उल्लंघन करें।
अगर वे सुप्रीम कोर्ट गए हैं, तो मुझे नोटिस मिलेगा और फिर मैं जवाब दूंगा। सुप्रीम कोर्ट के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। अगर किसी के मन में भ्रम है और वे सुप्रीम कोर्ट में जाते हैं तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए। केरल सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और दावा किया कि राज्यपाल राज्य विधानसभा की ओर से पारित विधेयकों पर दस्तखत करने में देरी कर रहे हैं, जो लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।
Source- PTI