Electoral Bonds Case – चुनावी बॉन्ड मामले (Electoral Bonds Case) में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई को कोई राहत नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआई की 30 जून तक की मोहलत मांगने की अपील को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने SBI को मंगलवार की हो चुनाव आयोग को पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है और चुनाव आयोग को 15 मार्च तक पूरी जानकारी पब्लिश करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने SBI को लगाई फटकार
भारतीय स्टेट बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें फटकार लगाई। उन्होंने कहा आपने पिछले 26 दिनों में क्या काम किया, कितना डेटा मिलान किया। सीजेआई ने ये भी कहा कि मिलान के लिए समय मांगना सही नहीं है। हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि एसबीआई को सिर्फ सीलबंद कवर खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है। पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए? आपका आवेदन उस पर चुप है।
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई की. इस संविधान पीठ में सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी. आर. गवई, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे
SBI की ओर से वकील हरीश साल्वे की दलील
हरीश साल्वे ने SBI की ओर से दलील दी कि हमें और वक्त चाहिए. साल्वे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक SBI को अप्रैल 2019 से अब तक का ब्योरा चुनाव आयोग को देना है. हमारी एकमात्र समस्या ये है कि हम पूरी प्रक्रिया को उलटने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी एसओपी ने सुनिश्चित किया कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए। हम जानकारी एकत्र करने की कोशिश कर रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने SBI को दी चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने 12 मार्च तक चुनावी बांड का विवरण चुनाव आयोग को नहीं सौंपा तो वह उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देगा।
SBI ने 30 जून तक का मांगा था वक्त
बता दें कि एसबीआई ने राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने की समय सीमा को 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी।