Exit Poll Debate: अमित शाह ने क्यों कहा कांग्रेस लोकसभा चुनाव हार रही है ? जानें

Exit Poll Debate

Exit Poll Debate: गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने शुक्रवार को दावा किया कि एग्जिट पोल पर बहस में हिस्सा नहीं लेने का कांग्रेस का फैसला इस बात का प्रमाण है कि विपक्षी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में हार मान ली है।राहुल गांधी को लेकर अमित शाह ने कहा कि जब से उन्होंने पार्टी के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी शुरू की है, तब से कांग्रेस ‘इनकार की मुद्रा’ में है।

शाह ने कहा, “कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान ये मानकर प्रचार किया कि उसे बहुमत मिलने वाला है। लेकिन अब उसे वास्तविकता का एहसास हो गया है और वे जानते हैं कि एग्जिट पोल में उसे करारी हार का सामना करना पड़ेगा।”उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास मीडिया के सवालों का जवाब देने का साहस नहीं है, इसलिए वे पूरे एग्जिट पोल को खारिज कर रही है और दावा कर रही है कि इसका कोई मतलब नहीं है।

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अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को इनकार नहीं करना चाहिए और इसके बजाय आत्मचिंतन करना चाहिए। उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि जब न्यायिक निर्णय और चुनाव परिणाम उसके पक्ष में नहीं आते हैं तो वे सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग पर लांछन लगाती है।उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी कई चुनाव हारी है लेकिन उसने कभी मीडिया या एग्जिट पोल का बहिष्कार नहीं किया।’’उन्होंने विश्वास जताया कि एग्जिट पोल निश्चित रूप से साबित कर देंगे कि सत्तारूढ़ गठबंधन ‘‘400 पार’’ जीत रहा है।

नड्डा ने कहा कि एग्जिट पोल पर बहस से दूर रहने का कांग्रेस का फैसला इस बात को स्पष्ट करता है कि विपक्षी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में हार मान ली है।एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने वोटरों से शनिवार को सातवें और आखिरी फेज के वोटिंग में अपना वोट ‘बर्बाद’ नहीं करने को कहा।

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दरअसल, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “परिणाम चार जून को आएंगे। उससे पहले, हमें अटकलों और टीआरपी के लिए झगड़े में शामिल होने का कोई कारण नहीं दिखता।”जे.पी .नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का ये फैसला इस बात को स्पष्ट करता है कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव हार मान लिए हैं।उन्होंने कहा, “जब कांग्रेस जीतती है तो उसे ईवीएम या चुनावी प्रक्रिया से कोई शिकायत नहीं होती। हिमाचल और तेलंगाना इसके हालिया उदाहरण हैं। लेकिन जब उसे हार का सामना करना पड़ता है तो वह लगातार रोती रहती है।”उन्होंने कहा कि भारत की सबसे पुरानी पार्टी को ये शोभा नहीं देता कि वे “उस बच्चे की तरह व्यवहार करे, जिसका खिलौना छीन लिया गया हो।”उन्होंने कहा कि विपक्ष में सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी से एक निश्चित स्तर की परिपक्वता की अपेक्षा की जाती है।

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