विशेषज्ञों की चेतावनी जोशीमठ तो शुरूआत है, पर्यावरण से न करें खिलवाड़, नहीं तो आएंगी गंभीर आपदाएं

उत्तराखंड के जोशीमठ मे संकट के बादल हैं कि छटने का नाम ही नही ले रहें हैं। हालात दिन के दिन बिगड़ते जा रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक क्षतिग्रस्त मकानो की संख्या में इजाफा हुआ है जो कि जर्जर घरों की संख्या 723 के करीब पहुंच चुकी है ऐसे बढ़ते आकड़े और भी चिंताजनक बने हुए हैं। सैकड़ों लोगों की जान को खतरा मंडरा रहा है। कहीं जमीन समा रही है तो कहीं दीवारों में दरारे पड़ रहीं है, एक आध नहीं बल्कि कई जिंदगियां ऐसी भारी मुश्किलों का समाना कर रहीं हैं।  जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है।  उत्तराखंड को जोशीमठ पर्यावरण विशेषज्ञ विमलेन्दु झा ने कहा कि नहीं संभले तो जोशीमठ इस त्रासदी का अंतिम गवाह नहीं है क्योंकि आने वाले वर्षों में हिमालय के कई शहर और गांव ऐसी ही आपदा को झेलेंगे।

यदि अभी भी विकास के नाम पर पर्यावरण को हानि पहुचाना बंद नही किया गया तो जोशीमठ जैसी स्थितियां अन्य जगहों पर भी पैदा हो सकती हैं। सैकड़ों लोगों को अभी तक खतरनाक इमारतों से रेस्क्यू किया जा चुका है। अभी तक 700 से ज्यादा घरों में दरारें देखी गई हैं और जमीन धंसने की खबरें आ रही हैं। वहीं, 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है। इसके अलावा, 100 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा चुका है।अब प्रशासन की तैयारी है कि खतरनाक इमारतों (होटलों और घरों) को गिराया जाए। सरकार के विशेषज्ञो ने दावा किया है कि मानव निर्मित उपकरणों की वजह से जोशीमठ जर्जर हो रहा है।

Read Also:इंडिया ऑटो एक्सपो मार्ट का हुआ आगाज,दुनियाभर की कंपनियां करेंगी शिरकत

हालांकि, प्रशासन की तैयारी के बीच भूस्खलन से गांधीनगर और पालिका मारवाड़ी में बने मकानों में दरारें नजर आने लगी हैं। अधिकारियों के मुताबिक, गांधीनगर में 134 और पालिका मारवाड़ी में 35 घरों में दरारें आ गई हैं। वहीं, लोअर बाजार में 34, सिंहधार में 88, मनोहर बाग में 112, अपर बाजार में 40, सुनील गांव में 64, पारासरी में 55 और रविग्राम में 161 घर भी असुरक्षित जोन में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि जोशीमठ में अब तक भूस्खलन से 723 घरों में दरारें आ चुकी।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana TwitterTotal Tv App

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *